June 16, 2025 10:50 pm

एचएमपीवी से निपटने मप्र का स्वास्थ्य महकमा तैयार

भोपाल । देश में एक बार फिर चीनी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा है, लेकिन चिंता जैसी स्थिति फिलहाल नहीं है। इस संबंध में केंद्र की ओर से राज्यों को किसी भी तरह के लिखित निर्देश नहीं मिले हैं। इधर मप्र सरकार ने किसी भी विकट स्थिति से निपटने के लिए अपने स्वास्थ्य संसाधनों को अलर्ट कर कर दिया है। स्वास्थ्य विशेष रोजाना श्वसन संबंधी मरीजों की बीमारियों को नजर रखे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार रविवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी वायरस एचएमपीवी को कोरोना की तरह खतरनाक बताकर मीडिया में खबरें सामने आईं। हालांकि भारतीय विशेषज्ञों ने अगले ही दिन इस वायरस की गंभीरता को लेकर स्थिति यह कहकर स्पष्ट कर दी कि इस तरह का वायरल सालों से भारत में है और सर्दियों में ज्यादा फैलता है। इससे श्वसन संबंधी बीमारी होती है। लेकिन भारतीय विशेषज्ञों ने इसे कतई गंभीर नहीं बताया है। स्वास्थ्य आयुक्त मप्र ने बताया कि किसी भी बीमारी की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल किसी खास बीमारी या वायरस विशेष की गंभीरता को लेकर भारत सरकार से कोई निर्देश नहीं मिले हैं।

स्वास्थ्य महकमे में जारी है बैठकों का दौर
एचएमपीवी को लेकर मप्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग में बैठकों का दौर जारी है। सोमवार से नियमित तौर उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल एवं विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव एवं स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी अलग-अलग बैठकें कर रहें। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से भी नियमित संपर्क में है। इस बीच मप्र सरकार ने सभी जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मोहल्ला क्लीनिक समेत अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं से लेकर अन्य जरूरी सुविधाओं की वस्तुस्थिति का आंकलन किया है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि मौसमी बीमारियों समेत अन्य सभी बीमारियों की दवाएं अनिवार्य रूप से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराने को कहा गया है।

मानव संसाधन बढ़ाने पर जोर
इधर स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती प्रक्रिया तेज कर दी है। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल इसको लेकर विभागीय स्तर पर बैठक कर चुके हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती इसी महीने शुरू हो जाएगी। इसी तरह चिकित्सकों की भर्ती केा लेकर लोक सेवा आयोग के साथ भी पत्राचार एवं बैठकों का क्रम जारी है। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से एक साथ 2 हजार चिकित्सक एवं विशेषकों की भर्ती की प्रक्रिया होना है। यह बड़ा लक्ष्य है।

मप्र में नहीं है जांच लैब
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर पहली बार इस तरह की चर्चा सामने आई हैं। इससे पहले राज्य में कभी भी इस वायरस को लेकर कोई बीमारी फैलने की जानकारी सरकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि एचएमपीवी की जांच की मप्र में कहीं भी लैब नहीं है। शुरूआत में कोरोना की जांच की भी मप्र में कोई लैब नहीं थी। बाद में कोरोना जांच की किट ही बाजार में उपलब्ध हो गई थी।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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