- वर्षों से रह रहे नागरिकों ने नगर पंचायत, कलेक्टर और मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
खोंगापानी – नगर पंचायत खोंगा पानी में वर्षों से रह रहे आम नागरिकों ने अपने निजी घरों के लिए पट्टा देने की मांग तेज कर दी है। नागरिकों का कहना है कि वे कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कानूनी रूप से पट्टे नहीं मिले हैं, जिससे वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
नागरिकों की प्रमुख समस्याएं
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना पट्टे के उनके घरों को सरकारी स्वीकृति नहीं मिलती, जिससे वे कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
- सरकारी योजनाओं से वंचित: प्रधानमंत्री आवास योजना, बिजली कनेक्शन, और अन्य सरकारी लाभ लेने में दिक्कतें आती हैं।
- प्रॉपर्टी अधिकारों का अभाव: बिना पट्टे के वे अपने घर को न तो बेच सकते हैं, न ही बैंक से लोन ले सकते हैं।
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र की परेशानी: पट्टा न होने के कारण बच्चों के स्कूल दाखिले और अन्य सरकारी दस्तावेजों में दिक्कत होती है।
स्थानीय नागरिकों का प्रशासन से अपील
स्थानीय नागरिकों ने नगर पंचायत अधिकारियों से लेकर जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री तक अपनी मांगें पहुंचाई हैं। उन्होंने मांग की है कि वर्षों से बसे परिवारों को पट्टा देकर उनका कानूनी हक दिया जाए।
नगर पंचायत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम नागरिकों की मांगों को गंभीरता से ले रहे हैं। उच्च अधिकारियों से चर्चा कर इस मामले का उचित समाधान निकाला जाएगा।”
राजनीतिक हस्तक्षेप की उम्मीद
नवनिर्वाचित अध्यक्ष सह पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया है। इसके मद्देनजर इस विषय पर सरकार से जल्द निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
नगर पंचायत खोंगापानी के आम नागरिक अब अपने हक के लिए खुलकर सामने आ रहे हैं। यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया, तो वे आंदोलन करने की तैयारी में हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विषय पर कब और क्या निर्णय लेती है।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने भी अपने जवाब में कहा है कि जल्द ही इस मामले में परिषद में चर्चा की जाएगी ..
