छत्तीसगढ़ पुलिस ने फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ 2020 में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले को बंद कर दिया है. इसके बाद ज़ुबैर ने कहा है कि ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं!’
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ के फैक्ट-चेकर और पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. राज्य सरकार ने हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को यह जानकारी दी.
यह केस 2020 में जुबैर द्वारा एक्स (पहले ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट को लेकर दर्ज किया गया था.
लाइव लॉ के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने यह जानकारी मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की पीठ के सामने दी.
अब अदालत ने जुबैर के उस आवेदन को निपटा दिया है, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी. यह एफआईआर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, भारतीय दंड संहिता की धारा 509B और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत दर्ज की गई थी.
क्या था मामला?
जुबैर ने 2020 में एक्स पर जगदीश सिंह नाम के एक व्यक्ति को टैग करते हुए एक पोस्ट किया था. उन्होंने सिंह से पूछा था कि क्या उनके द्वारा सोशल मीडिया पर अपशब्दों का इस्तेमाल सही है, खासकर जब उनकी प्रोफाइल फोटो में उनकी पोती नजर आ रही है.
जुबैर ने पोस्ट में लिखा था: ‘हैलो जगदीश सिंह, क्या आपकी प्यारी पोती को पता है कि आप सोशल मीडिया पर लोगों को गालियां देने का काम करते हैं? मैं सुझाव दूंगा कि आप अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लें.’
इस पोस्ट में जुबैर ने लड़की का चेहरा धुंधला कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद जगदीश सिंह ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की.
इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली और रायपुर पुलिस को इस संबंध में पत्र लिखा, जिसके बाद रायपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली. जुबैर ने इस एफआईआर को अदालत में चुनौती दी थी.
अदालत का आदेश
अक्टूबर 2020 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि जुबैर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए. 2024 में अदालत ने जगदीश सिंह को एक्स पर जुबैर से माफी मांगने का आदेश दिया.
जुबैर का बयान
2 अप्रैल 2024 को जुबैर ने एक्स पर लिखा: ‘इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मेरे खिलाफ प्रोपगैंडा चलाया. उन्होंने दिल्ली और रायपुर पुलिस को पत्र लिखकर यह दावा किया कि मेरा ट्वीट एक नाबालिग लड़की के लिए उत्पीड़न था. लेकिन पिछले साल दिल्ली कोर्ट ने शिकायतकर्ता को मुझसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया था. और अब, छत्तीसगढ़ पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर मुझे निर्दोष घोषित कर दिया है.’
जुबैर बताते हैं कि उनके ख़िलाफ़ कुल 10 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से दो अब ख़ारिज हो चुके. इस मौके पर वह लिखते हैं, ‘सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. न्याय की जीत होती है!’
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद जुबैर ने सरकार और भाजपा के भ्रामक दावों का पर्दाफाश करने वाले फैक्ट-चेकिंग रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं, जिसके कारण वे हिंदुत्व समर्थकों और प्रोपगैंडा चलाने वालों के निशाने पर रहते हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ हेट स्पीच देने वाले यति नरसिंहानंद से संबंधित पोस्ट करने पर भी केस दर्ज किया है.
