उत्तर प्रदेश बिजनौर में बजरंग दल के एक नेता की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें हत्या की साजिश बेहद क्रूर और योजनाबद्ध तरीके से रची गई थी। जानकारी के अनुसार, आरोपी ने बजरंग दल नेता का गला काटकर हत्या की और लाश को छिपाने के लिए कमरे में गड्ढा खोद दिया था। हत्या की साजिश पहले से ही पूरी तरह से तैयार की गई थी। आरोपी ने मृतक की लाश को दबाने के लिए गड्ढा खोदकर शव को छिपाने की कोशिश की, ताकि पुलिस को मामले का पता न चले। घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी है। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, और पुलिस अब इस हत्याकांड के पीछे के कारणों और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि इस नेता की हत्या के मामले में नए खुलासे हुए हैं। मृतक के शव को दबाने के लिए आरोपी ने कमरे में पांच फीट गहरा गड्ढा खोदा था। यह हत्या बेहद योजनाबद्ध तरीके से की गई थी, जिसमें शव को छिपाने की कोशिश की गई थी। मृतक के मामा भागेंद्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए मृतक के पिता बलराज, सौतेली मां मधुबाला, सौतेले भाई मानव उर्फ बंटू, सौतेली बहन शालू और बहनोई अनुज को हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बंटू को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस हत्या के पीछे के कारणों की जांच अभी जारी है और पुलिस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है।
गड्डा एक दिन में नहीं बल्कि पिछले काफी दिनों से खोदा जा रहा था बिजनौर के किरतपुर के गांव गोविंदपुर में सतेंद्र उर्फ मोंटी हत्याकांड में पुलिस को घर के जिस कमरे में मोंटी का रक्त रंजित शव पड़ा मिला। वहीं बराबर के कमरे में करीब पांच फुट गहरा गड्ढा खोदा गया था। गड्ढे से निकली मिट्टी को देखकर माना जा रहा है कि यह गड्ढा एक दिन में नहीं बल्कि पिछले काफी दिनों से खोदा जा रहा था। पुलिस के अनुसार, इसी गड्ढे में मोंटी के शव को दबाने की योजना थी।
आपको बता दें,कि यूपी में बजरंग दल के नेता की हत्या को लेकर हिंदू संगठनों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संगठनों ने इस निर्मम हत्या को समाज और धर्म के खिलाफ बताया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद हिंदू संगठनों के नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को सजा दिलवाने और समाज में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह घटना अब एक बड़े विवाद का रूप ले चुकी है, और हिंदू संगठन इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
