महाराष्ट्र के चर्चित न्यूरोसर्जन डॉ. शिरीष वलसांगकर ने शुक्रवार यानी 18 अप्रैल को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. यह घटना शुकवार की रात 8.30 बजे की है. डॉक्टर वलसांगकर ने बाथरूम में अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सिर में गोली मार ली. पुलिस अफसर के मुताबिक घटना के तत्काल बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
सोलापुर पुलिस ने बताया कि उनके इस कदम के पीछे की असली वजह का पता लगाया जा रहा है. शुरुआती जांच में पता चला है कि वह पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे. अधिकारी ने बताया कि शव को जांच के लिए भेज दिया गया है. थाना पुलिस की टीम इस मामले की गंभीरता से जांच में जुटी है
चर्चित न्यूरोसर्जन डॉ. शिरीष वलसांगकर सोलापुर के प्रसिद्ध न्यूरो फिजिशियन थे. उन्होंने न केवल सोलापुर में बल्कि पूरे महाराष्ट्र और दुनिया भर में अपनी चिकित्सा सेवाएं प्रदान कीं. वलसांगकर ने उसी अस्पताल में अंतिम सांस ली जहां उन्होंने हजारों मरीजों का इलाज किया था. शिरीष वलसांगकर के पुत्र अश्विन जो एक डॉक्टर हैं, ने उनका इलाज किया, लेकिन लगभग 9:30 बजे उनकी मृत्यु हो गई. जैसे ही शिरीष वलसांगकर की आत्महत्या की खबर सामने आई, सोलापुर के लोगों,की भीड़ अस्पताल के बाहर जमा हो गई. अस्पताल में मौजूद महिला और पुरुष कर्मचारियों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे.
डॉ. शिरीष वलसांगकर ने शिवाजी यूनिवर्सिटी और रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, लंदन से एमबीबीएस, एमडी और एमआरसीपी की डिग्री प्राप्त हासिल की थी. डॉ. शिरीष वलसांगकर के बेटे डॉ. अश्विन और बहू डॉ. सोनाली दोनों ही न्यूरोलॉजिस्ट हैं. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने न्यूरोलॉजिकल सेवाओं में उनके योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट पुरस्कार से सम्मानित किया था. वह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश , तेलंगाना और महाराष्ट्र में लोगों के इलाज के लिए खुद के हेलीकॉप्टर से विजिट करते थे.
