मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत विभाजन के बाद हालातों को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) , सरदार वल्लभभाई पटेल (Vallabh Bhai Patel) सहित अन्य नेताओं ने संभाला था और भाईचारा कायम किया था.
पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1947 में हुए देश विभाजन के बाद देश के जो हालात थे, उनको संभालने के लिए जिस प्रकार का नेतृत्व पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ पटेल और और उनके साथ सभी वरिष्ठ कांग्रेसजन और अन्य दलों के नेताओं ने दिया, वह एक मिसाल है. ये वैसे नेता थे, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था. सभी लोगों ने मिलकर भाईचारे को स्थापित किया.
कांग्रेस नेताओं के विजन को सराहा
उन्होंने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू ने सिंचाई के क्षेत्र में, खेती के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, उद्योग के क्षेत्र में और अधोसंरचना के क्षेत्र में जो महत्वपूर्ण फैसले लिए, जो आज स्वतंत्र भारत के मंदिर हैं. उसी के कारण आज देश के करोड़ों लोग विदेश में रोजगार पा रहे हैं और अच्छे से अच्छे पदों पर हैं. इस सबका श्रेय पं. जवाहरलाल नेहरू को जाता है.
‘एक दूरदर्शी व्यक्ति थे नेहरू’
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पं. नेहरू एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी कुशल योजना, आर्थिक नीतियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के माध्यम से देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. आईआईटी, आईआईएम, एम्स, डीआरडीओ, ओएनजीसी, एलआईसी सहित देश के अनेक औद्योगिक संस्थानों की उन्होंने स्थापना की.
कमलनाथ ने कहा कि आधुनिक भारत के तीर्थ के रूप में बांध, सार्वजनिक उपक्रम से लेकर परमाणु संस्थान और अंतरिक्ष कार्यक्रम तक सब कुछ पंडित नेहरू की भविष्य-उन्मुखी दृष्टि के कारण ही स्थापित हुए हैं. आज पंडित नेहरू की विरासत का ही कमाल है कि भारत एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में विश्व पटल पर खड़ा है.
