June 14, 2025 5:02 pm

अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का हाईकोर्ट जाने का ऐलान

सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी यानी SBSP के नेता और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त कर दी गई है। यह फैसला हेट स्पीच केस में कोर्ट द्वारा दो साल का सजा सुनाए जाने के बाद आया है। Om Prakash Rajbhar ने अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द होने पर कहा कि “कोर्ट का फैसला है, हम उसे स्वीकार करते हैं. उस फैसले को लेकर अधिकार है कि हम हाईकोर्ट जाएंगे.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हो गई है. हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी विधायकी को रद्द कर दिया गया है. जिस पर पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान सामने है. राजभर ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे. एक विधायक होने के नाते हम अब्बास अंसारी के साथ खड़े हैं. आगे की कार्रवाई के लिए पार्टी के द्वारा तैयारी की जा रही है.

ओम प्रकाश राजभर ने अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द होने पर कहा कि “कोर्ट का फैसला है, हम उसे स्वीकार करते हैं. उस फैसले को लेकर अधिकार है कि हम हाईकोर्ट जाएंगे.. चुनौती देंगे. निश्चित है कि हाईकोर्ट से हमें न्याय मिलेगा. पार्टी खुद भी जाएगी, अब्बास अंसारी जाए तब भी पार्टी है. हम जाएं तब भी वो पार्टी हैं. एक विधायक होने की हैसियत से हम उनके साथ खड़े हैं. अभी एक महीने तक हाईकोर्ट बंद हैं. बातचीत चल रही है, कार्रवाई के लिए हम कागज तैयार रहे हैं.

अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म
अब्बास अंसारी के खिलाफ हेट स्पीच का ये मामला साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान का है. ये चुनाव सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन में लड़ा था. इस चुनाव के लिए प्रचार करते समय अब्बास अंसारी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया था. जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा था कि भैया से बात हो गई है, सबका हिसाब-किताब लिया जाएगा. जिसके बाद ये मामला कोर्ट में चला गया.

कोर्ट ने अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दोषी पाया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई. बता दें कि बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा सीट से साल 2022 में पहली बार विधायक बने थे. उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था. जो अब एनडीए की सहयोगी पार्टी है. उनकी विधायकी रद्द होने के बाद अब मऊ सीट अब खाली हो गई. अगले छह महीने में इस सीट पर उपचुनाव कराए जा सकते हैं.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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