नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि बीजापुर जिले स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में दो वरिष्ठ माओवादी नेता-, भास्कर उर्फ मायलारपू अडेलु और नरसिम्हा चलम उर्फ सुधाकर, बीते दो दिनों में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ों में मारे गए. पुलिस ने इसे माओवादियों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी बताया है.
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार (6 जून) को हुई मुठभेड़ में मारे गए माओवादी की पहचान भास्कर उर्फ मायलारपू अडेलु के रूप में हुई है. भास्कर तेलंगाना माओवादी राज्य समिति (टीएससी) के विशेष क्षेत्रीय समिति (एसजीसी) का सदस्य था और मनचेरियल-कुमारंभेम (एमकेबी) डिवीजन का सचिव था. उस पर छत्तीसगढ़ में 25 लाख रुपये और तेलंगाना में 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
इससे एक दिन पहले, गुरुवार (5 जून) को हुई मुठभेड़ में माओवादी केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य नरसिम्हा चलम उर्फ सुधाकर को मार गिराया गया था. 66 वर्षीय सुधाकर आंध्र प्रदेश का रहने वाला था. पुलिस के मुताबिक, वह छत्तीसगढ़ में कई माओवादी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें आम नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. सुधाकर के ऊपर 40 लाख रुपये का इनाम था.
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने बताया, ‘सुधाकर एक वरिष्ठ माओवादी नेता था, जो कई हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार था, जिनमें अनेक निर्दोष आदिवासी नागरिकों की मौत हुई और कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. इसके अलावा माओवादी वैचारिक प्रशिक्षण स्कूल का प्रभारी होने के नाते वह युवाओं को भड़काऊ और राष्ट्रविरोधी विचारधाराओं से गुमराह करके कट्टरपंथ के रास्ते पर ले जाता था.’
उन्होंने कहा, ‘यह मुठभेड़ राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (डीआरजी) और सीआरपीएफ की विशेष कोबरा यूनिट के संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा था, जो बुधवार (4 जून) से इस क्षेत्र में चल रहा है.’ उन्होंने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद घटनास्थल से एक एके-47 राइफल समेत अन्य हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए.
पिछले पंद्रह दिनों में यह सुरक्षा बलों की तीसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगलों में सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु समेत 27 माओवादी मारे गए थे.
गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि मार्च 2026 तक माओवादी गतिविधियों का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा, ये मुठभेड़ उसी अभियान का हिस्सा हैं. इस साल अब तक 202 माओवादी मारे गए हैं, जिनमें से बस्तर क्षेत्र के 185 नक्सल शामिल हैं.
नागरिक संगठनों ने जताई चिंता
इस बीच, तेलंगाना सिविल राइट्स कमेटी ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में पुलिस कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं.
संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर गड्डम लक्ष्मण और महासचिव एन. नारायण राव की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के एक गांव में माओवादी पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य सुधाकर, तेलंगाना राज्य समिति सदस्य मायलारपू अडेलु उर्फ भास्कर, बांदी प्रकाश, नेशनल पार्क सचिव दिलीप, मडेडु एरिया सचिव सीतु, डीसी सदस्य रामन्ना, मुन्ना, सुनीता, महेश समेत कई अन्य माओवादी नेताओं को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
कमेटी के अनुसार, इनमें से सुधाकर की गुरुवार को मुठभेड़ के नाम पर हत्या कर दी गई, जबकि शुक्रवार शाम अडेलु उर्फ भास्कर को भी कथित रूप से फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया. संगठन ने आशंका जताई है कि पुलिस हिरासत में मौजूद बांदी प्रकाश समेत अन्य नेताओं के ऊपर भी फर्जी मुठभेड़ों में मारे जाने का खतरा है.
कमेटी ने मांग की है कि इन सभी माओवादी नेताओं को अदालत में पेश किया जाए और उन्हें किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाया जाए. संगठन ने कहा है कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की हत्या संविधान और क़ानून के विरुद्ध है.
संगठन ने देश की लोकतांत्रिक और विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि वे इस मुद्दे की खुलकर निंदा करें, साथ ही केंद्र सरकार से यह मांग की गई है कि माओवादीयों द्वारा घोषित एकतरफा युद्धविराम के जवाब में केंद्र भी संघर्ष विराम की घोषणा करे और उनसे शांति वार्ता शुरू करे.
