मणीपूर-खबर 30 दिन न्यूज नेटवर्क ब्यूरो
मणिपुर में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। मैतेई समुदाय के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके चलते राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और एक जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार,NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) द्वारा की गई गिरफ्तारी से स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें सामने आई हैं, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं।
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों से बचने और गलत सूचना न फैलाने की अपील की है। साथ ही, प्रभावित जिलों में भीड़ जुटने पर पाबंदी लगा दी गई है ताकि स्थिति और न बिगड़े। राज्य सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है और शांति बहाली के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, मणिपुर प्रशासन ने अचानक हुए घटनाक्रम के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिसने एक बार फिर राज्य में अशांति फैला दी है. खबर है कि NIA की टीम ने शनिवार दोपहर 2 बजे मैतेई समूह के पांच स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया था. जिसमें उसका एक कमांडर भी शामिल है.
मणिपुर में ताजा हालात पर क्या है अपडेट?
शनिवार रात प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया. इस आदेश के मुताबिक राज्य के 5 जिलों में इंटरनेट बंद और एक जिले कर्फ्यू लगाया गया. इसके साथ ही वीपीएन भी बंद किया गया है. इन जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, विष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं. प्रशासन की तरफ जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जानमाल की संभावित हानि, संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति बनाने के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है. इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट होने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
प्रशासन ने आदेश में कहा कि यह फैसला अफवाहों को रोकने के लिए लिया है. ऐसा न करने से राज्य में झूठी अफवाहों के कारण हिंसा का डर है, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान हो सकता है. राज्य में शांति बनाए रखने के लिए विष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जबकि अन्य घाटी जिलों इंफाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल और काकचिंग में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. रविवार को लगभग 2 बजे, मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इन घटनाक्रमों की पुष्टि की और इंटरनेट निलंबन, कर्फ्यू और निषेधात्मक प्रतिबंधों से संबंधित आदेशों की कॉपी शेयर की.
शनिवार की देर शाम इम्फाल शहर में तनाव बढ़ गया, जब मैतेई समूह, अरम्बाई टेंगोल के पांच स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की अफवाह फैल गई, इस गिरफ्तारी में एक कमांडर भी शामिल है. इसके बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में दो पत्रकार और एक अन्य नागरिक घायल हुआ है. पश्चिम इंफाल में क्वाकेथेल पुलिस चौकी पर गुस्साई भीड़ ने धावा बोल दिया और गिरफ्तार लोगों की तत्काल रिहाई की मांग करने लगी. सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड फायरिंग की. गिरफ्तारियों की रिपोर्ट के बाद इम्फाल घाटी की सड़कों पर फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली.
विरोध और हिंसा की खबरों के बीच, टेंग्नौपाल के पहाड़ी जिले में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती शहर मोरेह को शनिवार को बंद कर दिया गया. हालांकि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन म्यांमार की सीमा से सटा यह शहर हाई अलर्ट पर है. राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सानाजाओबा को वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए अशांति स्थल पर देखा गया. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में लीशेम्बा को यह कहते हुए सुना गया, “हमने शांति लाने की बहुत कोशिश की. अगर आप ऐसी चीजें करेंगे, तो शांति कैसे आएगी? मुझे और विधायक को गिरफ्तार करो.
