June 15, 2025 5:52 am

राहुल गांधी ने ‘सरेंडर’ वाली टिप्पणी दोहराई, बोले- वही कह रहा हूं जो ट्रंप ने 11 बार कहा

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान ‘सरेंडर’ (surrender) करने के लिए मजबूर किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वह वही बात कह रहे हैं जो ट्रंप ने ’11 बार’ दोहराई है.

राहुल गांधी ने शुक्रवार (6 जून) को मीडिया के सामने कहा, ‘ट्रंप ने 11 बार कहा है कि मोदी ने उनके दबाव के कारण इस संघर्ष को खत्म किया. मैं वही कह रहा हूं, जो ट्रंप कह रहे हैं और उन्होंनेन 11 बार ये कहा है.’

मालूम हो कि इससे पहले दिन में बिहार के राजगीर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उन्होंने मोदी को सरेंडर करने पर मजबूर किया और पीएम ये कहने में असमर्थ हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि वह सच बोल रहे हैं.

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के अगली जनगणना के दौरान जातियों की गणना करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘आप जानते हैं कि उन्हें सरेंडर करने की आदत है.’

मालूम हो कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जाति आधिरित जनगणना की मांग विपक्षी दलों ने ज़ोर-शार से उठाई थी.

ताज़ा घटनाक्रम में कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘ट्रंप ने 11 बार कहा है, 11 बार-कि ‘मैंने नरेंद्र मोदी को सरेंडर करने पर मजबूर किया’. उन्होंने सार्वजनिक रूप से 11 बार ऐसा कहा है. मोदी इस पर आपत्ति नहीं कर पा रहे हैं. मोदी यह नहीं कह पा रहे हैं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं. क्योंकि यह सच है.’

ज्ञात हो कि इससे पहले भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया था कि मोदी ने ट्रंप के ‘सरेंडर’ के आदेश का पालन किया.

राहुल गांधी ने 3 जून को भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मैं भाजपा और आरएसएस वालों को अच्छे से जान गया हूं. इनको थोड़ा सा दबाओ तो डर कर भाग जाते हैं… उधर से ट्रंप ने फोन किया और इशारा किया कि मोदी जी क्या कर रहे हो? नरेंद्र, सरेंडर. और ‘जी हुजूर’ कर के मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया.’

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष 10 मई को समाप्त होने के बाद ट्रंप ने सबसे पहले इस संघर्षविराम की घोषणा की थी. साथ ही उन्होंने ये दावा किया था कि अमेरिका ने दो दक्षिण एशियाई देशों के बीच युद्ध विराम में मध्यस्थता की है.

उन्होंने तब से इस रुख को बार-बार दोहराया है और मध्यस्थता के प्रयास के दौरान व्यापार को लाभ के रूप में इस्तेमाल करने का भी दावा किया है.

ट्रंप ने ह्वाइट हाउस के एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मैंने कहा चलो, हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. चलो इसे रोकते हैं. अगर आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार करेंगे. अगर आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे. लोगों ने वास्तव में कभी भी व्यापार का उस तरह से इस्तेमाल नहीं किया है, जैसा मैंने किया और अचानक उन्होंने कहा, हम इसे रोकने जा रहे हैं.’

इस संबंध में भारत सरकार की ओर से इस दावे का खंडन किया गया कि अमेरिका ने सैन्य तनाव समाप्त करने में मध्यस्थता की थी या संघर्ष के दौरान भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों के बीच चर्चा में व्यापार का मुद्दा उठा था.

हालांकि, पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इन दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है, जिसे लेकर कांग्रेस बार-बार सवाल उठा रही है.

इस बीच भाजपा ने राहुल गांधी की मानसिकता को ‘बीमार’ और ‘खतरनाक’ बताते हुए उन पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया.

भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘स्वघोषित, स्वयंभू, सर्वोच्च नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी बेहद घटिया, निम्न-स्तरीय बयान देकर दुनिया को बता रहे हैं कि विपक्ष का नेता बनने के बाद भी उनमें गंभीरता और परिपक्वता की कमी है, जो इस पद के लिए जरूरी है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जिस तरह से राहुल गांधी ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना अधिकारियों के ब्रीफिंग की तुलना आत्मसमर्पण से की, उससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता कितनी बीमार और खतरनाक हो गई है.’

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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