July 2, 2025 4:29 am

जेएनयू छात्र नजीब के गुमशुदगी केस में कोर्ट की क्लोजर रिपोर्ट को मंज़ूरी, कहा- सीबीआई जांच में कमी नहीं

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (30 जून) को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. नजीब आठ साल पहले, 15 अक्टूबर 2016 से लापता हैं.

27 साल के नजीब अहमद जेएनयू के हॉस्टल से लापता हुए थे. लापता होने से एक दिन पहले उनकी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ सदस्यों के साथ कथित झड़प हुई थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने कहा, ‘हॉस्टल चुनावों जैसे संवेदनशील माहौल और जेएनयू जैसे परिसर में ऐसी झड़पें और वाद-विवाद असामान्य नहीं हैं, लेकिन महज इसी आधार पर यह मान लेना उचित नहीं है कि युवा छात्र किसी साथी छात्र को गायब करने जैसा कदम उठा सकते हैं, खासकर जब रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है.’

कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यह भी कहा कि अगर भविष्य में कोई नया सबूत सामने आता है तो मामले को फिर से खोला जा सकता है.

कोर्ट ने कहा, ‘यह अदालत उस चिंतित मां की पीड़ा को समझती है, जो 2016 से अपने बेटे की तलाश में हैं, लेकिन इस मामले में जांच एजेंसी यानी सीबीआई द्वारा की गई जांच में कोई लापरवाही नहीं पाई गई है. हर आपराधिक जांच का आधार सच्चाई की तलाश होती है, लेकिन कुछ मामलों में तमाम प्रयासों के बावजूद जांच किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाती.’

ज्ञात हो कि सीबीआई ने साल 2018 में इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसके खिलाफ नजीब की मां फातिमा नफीस ने अदालत में विरोध याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने नौ संदिग्धों की भूमिका की ठीक से जांच नहीं की.

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि संदिग्धों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की गई, लेकिन नजीब की गुमशुदगी से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिल पाया.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘हालांकि 14 अक्टूबर 2016 की रात नजीब अहमद के साथ मारपीट और धमकियों के आरोपों की गवाहों की गवाही से पुष्टि होता है, लेकिन इन घटनाओं और 15 अक्टूबर 2016 को उनकी गुमशुदगी की घटना के बीच कोई सीधा या परिस्थितिजन्य सबूत रिकॉर्ड में नहीं है.’

मालूम हो कि नजीब जेएनयू के माही मांडवी छात्रावास से 15 अक्टूबर 2016 को गायब हुए थे. घटना से एक रात पहले एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्रों के साथ उसका विवाद हुआ था. घटना के सात महीने बीत जाने के बाद भी जब दिल्ली पुलिस को इस मामले में कोई जानकारी नहीं हासिल हुई, तब हाईकोर्ट ने मामले की जांच 16 मई 2017 को सीबीआई को सौंप दी थी.

हालांकि बाद में सबूतों के अभाव में सीबीआई ने मामले की जांच बंद कर दी थी.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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