सीपीआई(एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्हें दिल्ली एम्स की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था. उन्हें फेफड़ों में संक्रमण की समस्या थी. पिछले कुछ दिनों से, उन्हें कृत्रिम तरीके से सांस लेने में मदद की जा रही थी और डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी.
पार्टी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है, ‘हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सीपीआईएम महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे एम्स (नई दिल्ली) में निधन हो गया. वह फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे, जो जटिल हो गया था… उनके सार्वजनिक दर्शन और श्रद्धांजलि की जानकारी बाद में दी जाएगी.’
दिल्ली एम्स के मीडिया विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि येचुरी के परिवार ने उनका शव अस्पताल को शिक्षण और रिसर्च के उद्देश्य से दान कर दिया है.
सीपीआई(एम) के महासचिव के तौर पर येचुरी ने वर्ष 2015 में पदभार संभाला था. उन्होंने प्रकाश करात की जगह ली थी.
येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए और अगले ही साल 1975 में सीपीआई(एम) के सदस्य बन गए. उन्हें आपातकाल के दौरान कुछ महीने बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
1978 तक, येचुरी को एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में चुन लिया गया था. वे संगठन के अध्यक्ष भी बने.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, येचुरी ने राजनीति का ककहरा पार्टी के दिवंगत नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के मार्गदर्शन में सीखा था.
वे 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे.
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में सीपीआई (एम) के प्रतिनिधि के तौर पर येचुरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
येचुरी के परिवार में उनके बेटे, बेटी और पत्नी -वरिष्ठ पत्रकार सीमा चिश्ती- हैं, जो द वायर की संपादक हैं.
सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश लिखे हैं.