- 05 जनवरी को बिलासपुर में ओमिक्रॉन का पहला मरीज मिला था।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में UAE से लौटे पहले ओमिक्रॉन पॉजिटिव को लेकर राहत की खबर आई है। उन्हें किसी तरह से कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, उनके संपर्क में रहने वाले परिवार के पांच सदस्यों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट भी निगेटिव आई है।
गोलबजार-गोंडपारा में रहने वाले अजय कुमार साहू (52) के ओमिक्रॉन संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग उनकी निगरानी कर रहा था। उन्हें अभी तक किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है। उनके पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी पत्नी मनीषा, बेटी स्वाति, दामाद संकेत, नाती सहित पांच लोगों का जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल लिया था और जांच के लिए भुवनेश्वर लैब भेजा गया था।
नोडल अधिकारी डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि परिवार के सभी पांच सदस्यों की ओमिक्रॉन रिपोर्ट निगेटिव आई है। इससे स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्यों व मोहल्लेवालों ने राहत की सांस ली है।
संक्रमित का दोबारा सैंपल भेजने नहीं है निर्देश
नोडल अधिकारी डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि केंद्र व राज्य शासन के गाइडलाइन के अनुसार ओमिक्रॉन संक्रमित व्यक्ति का सैंपल दोबारा भेजने का निर्देश नहीं है। चूंकि, इस मामले में पीड़ित मरीज एकदम स्वास्थ्य थे। इसलिए दोबारा सैंपल लेकर जांच कराने की बात सामने आई थी। लेकिन, विभाग ने उनका सैंपल लेने के बजाए परिवार के सदस्यों का सैंपल लिया।
एक माह बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर था संदेह
अजय कुमार अपनी पत्नी मनीषा साहू (49) बेटी स्वाति और दामाद संकेत के साथ ही नाती को लेकर घूमने के लिए दुबई गए थे। 3 दिसंबर को बिलासपुर लौटने के बाद उनका पूरा परिवार होम आइसोलेशन में था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 7 दिसंबर को उनका RT-PCR टेस्ट कराया। तब अजय और उनकी पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
इसके बाद उन्हें घर में रखकर इलाज किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिसंबर को उनका जीनोम सीक्वेसिंग सैंपल लेकर जांच के लिए भुवनेश्वर लैब भेजा था। करीब 21 दिन बाद 5 जनवरी को अजय साहू की ओमिक्रॉन रिपोर्ट पॉजिटिव आई। प्रदेश भर में बिलासपुर से पहले ओमिक्रॉन संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था।