प्रतीक मिश्रा
शहड़ोल। निजी शिक्षा प्रणाली व्यवस्था के लिये शासन नें भले ही तमाम नियम बनाये हों लेकिन इन नियमों का कितना पालन किया जाता है यह तो मौके का निरीक्षण परीक्षण करके सहज ही देखा जा सकता है। अपनी मोटी कमाई के लिये निजी स्कूल प्रबंधन अपनी मनमनी से परहेज नहीं करता जिसका खामियाजा अभिभावकों और बच्चों को भुगतना पड़ता है। मनमानी फीस और वशूली की तमाम शिकायते से तो आप वाकिफ होंगे ही लेकिन शहड़ोल जिला मुख्यालय एक निजी स्कूल नें ऐसा फरमान जारी कर दिया है जो सैकड़ों अभिभावक के लिये जहां बड़ी मुसीबत बन गया है वहीं कई बच्चों के भविष्य भी अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है। दरअसल पूरा मामला जिला मुख्यालय शहड़ोल के सिंहपुर रोड़ स्थित स्प्रिंग डील्स हाई स्कूल का सामनें आया है, जहां बीते दिनों सैकड़ों अभिभावकों के पास स्कूल प्रबंधन की ओर से मैसेज आया कि वह अपनें बच्चों की टीसी ले लें और कहीं और एडमीशन करा लें। जिससे अभिभावकों के सामनें बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। एक तरफ जहां अन्य निजी स्कूलों में एडमीशन अब लगभग बंद हो चुके हैं वहीं अचानक इस मैसेज से परिजन भीषण गर्मी में अल्प समय में अन्य निजी विद्यालयों में अपनें बच्चों के एडमीशन के लिये परेशान हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल बिल्डिंग को मोटी रकम लेकर विक्रय कर दिया है जिससे स्कूल नें अपना मुनाफा तो कमा लिया लेकिन अचानक लिये इस फैसले से सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों नें आरोप लगाते हुये कहा कि यदि प्रबंधन को इस तरह का फैसला लेना था तो समय रहते ले लिया जाता ताकि वह अपनें बच्चों का एडमीशन समय पर करा सकते। लेकिन अब स्कूल प्रबंधन नें उन्हें विकल्पहीन कर दिया है। वहीं परिजनों द्वारा प्रशासन से इस दिशा में कार्यवाही की मांग की जा रही है।
