अब्दुल सलाम क़ादरी-एडिटर इन चीफ
बड़ी खबर – मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के वन परीक्षेत्र मनेन्द्रगढ़ का एक और घोटाले का पर्दा फास-100 हेक्टेयर छतिपूर्ति वृक्षारोपण के नाम पर महज 25 हेक्टेयर प्लांटेशन कराकर 75 हेक्टेयर वृक्षारोपण के पैसों का बंदरबांट करने का सूत्रो द्वारा पता चला है । तत्कालीन डीएफओ श्री जे आर नायक और तत्कालीन डिप्टी रेंजर हीरालाल सेन ने मिलकर यह कारनामा कर दिखाया है।
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हमने पूरे तीन दिनों तक उक्त जगह का मुआयना किया लेकिन हमें 100 हेक्टेयर वृक्षारोपण के स्थान पर महज सड़क के किनारे किनारे ही 15 से 20 हेक्टेयर में ही वृक्षारोपण देखने को मिला ।
इसमे कुल कितने पौधे रोपे गए इसका भी हिसाब विभाग के पास नही है। हमने इस सम्बंध में आडिट विभाग रायपुर को भी इसकी सूचना दी है। उनके द्वारा इस मामले को गम्भीरता से लिया गया है।
हमने इस मामले की पूरी जानकारी के लिए आरटीआई का भी सहारा लिया है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
मनेन्द्रगढ़ वन परीक्षेत्र में हमने एक के बाद एक घोटाले से पर्दा उठाया है और क्रमशः आगे भी हम घोटालों से पर्दा उठाते रहेंगे।
इसी कड़ी में हमने आज मनेन्द्रगढ़ रेंज के लेंटाना उन्मूलन, अर्दन डेम, स्टाप डेम, चट्टानों पर वृक्षारोपण, जंगल से अवैध कोयला उत्खनन, पथ वृक्षारोपण, कास्तागार में बाउंड्री वाल घटिया निर्माण इत्यादि का पर्दाफाश किया था। परंतु देखने वाली बात यह है कि इतने घोटाले होने पर भी छत्तीसगढ़ सरकार एक डिप्टी रेंजर पर कार्यवाही नही कर पा रही है इसका मतलब यह है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भुपेस बघेल को इनके अधिकारी पूरी रिपोर्ट नही दे रहे है या फिर अभी तक कोई जांच नही की गई है।
डिप्टी रेंजर हीरालाल सेन और तत्कालीन मनेन्द्रगढ़ डीएफओ जे आर नायक दोनो की मिलीभगत से 100 हेक्टेयर वृक्षारोपण के नाम पर महज 25 हेक्टेयर वृक्षारोपण कराकर 75 हेक्टेयर का फर्जी बिल बाउचर बनाकर राशि आहरण कर लिया गया था। आज जे आर नायक करोड़ पति आसामी है जिसकी जांच शायद छत्तीसगढ़ सरकार नही कराना चाहती है, J.R.नायक के कथानुसार उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश दाऊ और वनमंत्री मेरे खास है, इन सभी स्थिति को देखते हुवे ED, EOW सीबीआई से ही जांच का निवेदन करना ही उचित है, ऐसा हमको लग रहा है अतएव इन भ्रष्टाचार के कागजात इकट्ठे कर इन जांच एजेंसियों को प्रेषित करने की तैयारी की जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा जे आर नायक के पास करोङो रुपयों की संपत्ति का पता चलने के बावजूद कोई कार्यवाही नही हो रही है आखिर क्यों…? ये सवाल आमजन के दिमाग में प्रश्न पैदा करता है।
हम बात कर रहे है हल्दीबाड़ी माइंस के पास हुए करोङो रुपयों की लागत से वृक्षारोपण की जिसमे 100 हेक्टेयर वृक्षारोपण में से महज 25 हेक्टेयर पर वृक्षारोपण ही हुए है और बाकी 75 हेक्टेयर की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है। 25 हेक्टेयर की पूरे 5 साल देखभाल करने के बावजूद 80 से 85 % परसेंट पौधे मर चुके है। जिसकी जांच किया जाना अतिआवश्यक है, एवं उक्त वृक्षारोपण के असफलता के कारण शासन को हुवे करोड़ो के नुकसान की वसूली DFO, SDO सहिंता प्रभारी रेंजर से नियमानुसार किए जाने चाहिए पर शासन की मौन स्थिति समझ से परे है।
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