छत्तीसगढ़/सूरजपुर
अब्दुल सलाम क़ादरी (9424257566)
- वन मण्डल सूरजपुर के सुरजपुर रेंज, कुदरगढ़ रेंज में नगद मजदूरी भुगतान में लाखों का घोटाला, 80 फीसदी मजदूरी भुगतान में 70 फीसदी भुगतान फ़र्जी-मुख्यमंत्री और वन मंत्री से जांच की मांग.
- बाहर राज्य और पड़ोसी जिलों से मजदूरों और अघोषित ठेकेदारों द्वारा कार्य?
- प्रत्येक मजदूरों का नाम, स्थान, गांव, जिला और उसको दिए नगद मजदूरी की जांच किया जाना अतिआवश्यक है।
सुरजपुर रेंज और कुदरगढ़ रेंज में खाता पेमेंन्ट और नगद पेमेंन्ट के नाम पर सबसे बड़ा घोटाले की बात सामने निकल कर आ रही है। 2021-22, 2022-23 में वन परीक्षेत्र सूरजपुर और वन परीक्षेत्रकुदरगढ़ में 2020 से 2023 तक जितने भी कार्य हुए है उन कार्यो की गुणवत्ता तो खराब है ही, नरवा में जंगल की गिट्टी मुरुम रेत का उपयोग तो किया ही गया है साथ ही इनके द्वारा 50 से 70 फीसदी मजदूरी भुगतान नगद किया जाता है? इसके लिए बाकायदा एसडीओ और डीएफओ से सांठगांठ कर चेक के माध्यम से राशि आहरण कर लिया जाता है? और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी मजदूरी दर्शा कर राशि आहरण किया जाता है जो जांच का विषय है?
इनका नगद मजदूरी भुगतान का तरीका इस प्रकार है रामलाल(काल्पनिक नाम) सहित 50 मजदूर कुल मजदूरी दिवस 50 दिन, मजदूरी दर 250, 350/ ? या जो भी दर हो, का बाउचर बनाकर वनमण्डल में जमा किया जाता है इस प्रकार से कई बाउचर प्रमाणक बनाकर चेक प्राप्त कर उसे अपने खाते में जमा कर फिर आहरण कर लिया जाता है तथा नगद भुगतान किया जाता है? एक मजदूर का नाम और लगभग बाकी मजदूरों का नाम और पता गायब। आरटीआइ में जानकरी मांगने पर जानकारी नही दी जाती है ये सब जांच का विषय है?
ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को जेल के सलाखों के पीछे होना चाहिए पर छत्तीसगढ़ राज्य की बदकिस्मती कहिए कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन अधिकारियों के हौशले काफी बढ़ गए है? जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर मामले को दबाया जाता है?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 11 से 20 प्रतिशत कमीशन रायपुर पहुचाने का दावा किया जाता है? राशि पहुचाने के लिए बाकायदा कमेटी बनाई गई है उनके मार्फ़त कमीशन उच्चाधिकारियों तक पहुँचाई जाती है? जो जितना ज्यादा कमीशन देगा वो उतना चहेता बना रहेगा.?
इसमें कितनी सच्चाई है ये तो विभाग के आलाधिकारी ही बता सकते है? सूत्रों की माने तो मामले में कुछ तो सच्चाई होगी, नही तो ऐसे अधिकारियों और ऐसे रेंजरों पर दाऊ जी और माननीय वन मंत्री मोहम्मद अकबर जी के द्वारा कार्यवाही हो चुकी होती?
नगद मजदूरी भुगतान पर प्रतिबंध लगना चाहिए नही तो ऐसे प्रभारी रेंजर जंगलों को और खोखला बनाते जाएंगे।
सुरजपुर वन मण्डल के उपरोक्त रेंजरों के अगले घोटाले की ख़बर परत दर परत खोला जाएगा…
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