झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे (Jhansi Medical College Accident)में शिकार नवजातों के परिजनों को शासन ने पांच-पांच लाख रुपयों की सहायता की घोषणा की गई है। घायलों के परिजनों को 50- 50 हजार की सहायाता मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू (SNCU) में हुई दुर्घटना पर गहरा दुःख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
दस बच्चों की हो गई थी मौत
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College) के विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे (Divisional Commissioner Bimal Kumar Dubey) ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई। बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। आज सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) मेडिकल कॉलेज पहुंच गये हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी सुधा सिंह (SSP Jhansi Sudha Singh)ने कहा कि इस घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। घटना के वक्त एनआईसीयू (NICU)में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस (Jhansi Police) ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि एक फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर भेजा गया जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
निकटवर्ती महोबा जिले के रहने वाले एक दंपती को अपने नवजात बच्चे की मृत्यु से सदमा लगा है। मां ने पत्रकारों को बताया कि बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह 8 बजे हुआ था। गमगीन मां ने कहा मेरा बच्चा आग में जान गंवा चुका है। मेडिकल कॉलेज के कथित दृश्यों में घबराए हुए मरीजों और उनके तीमारदारों को बाहर निकलते हुए दिखाया गया है जबकि कई पुलिसकर्मियों ने बचाव और राहत उपायों में सहायता की। लखनऊ से जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।