मध्य प्रदेश में हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों को 9 माह बाद भी न्याय नहीं मिला। उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग को लेकर हरदा से भोपाल तक उन्होंने पदयात्रा शुरू की है, लेकिन प्रशासन ने सीहोर जिले की सीमा पर रोक लिया।
कलेक्टर-एसपी उनकी हर मांग पूरी करने का आश्वसन दिया, लेकिन पीड़ित भोपाल जाने की बात पर अड़े हैं।
यात्रा के संयोजक हेमंत चौहान ने बताया, पीड़ित परिवार गुरुवार, 14 नवंबर को मुख्यमंत्री निवास भोपाल के लिए निकले थे। नेमावर और संदलपुर होते हुए दीपगांव पहुंचे। यहां शुक्रवार रात विश्राम करने के बाद पदयात्री शनिवार सुबह फिर भोपाल के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने गोपालपुर स्थित नर्मदा स्कूल के पास रोक लिया।
दो-दो लाख की मदद का आश्वासन
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे ने पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख की मदद का लिखित आश्वासन देकर यात्रा समाप्त करने को कहा, लेकिन वहीं नहीं माने। पीड़ित मुआवजे की पूरी राशि और टूटे मकान बनवाने की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं पीड़ित
पीड़ित परिवारों ने कहा, हम भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं। वह वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। गोपालपुर गांव के पास प्रशासन और पदयात्रियों के बीच करीब 2 घंटे चर्चा हुई। पदयात्रा में शामिल देवी सिंह राजपूत ने कहा, पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।
6 फरवरी को हुआ हरदा ब्लॉस्ट
दरअसल, हरदा पटाखा फैक्ट्री में 6 फरवरी को ब्लॉस्ट हुआ था। इसमें करी एक दर्जन लोगों की मौत हुई थी। जबकि, कई लोग घायल हुए थे। दर्जनों लोगों के मकान ढह गए, लेकिन 9 माह बाद भी पीड़ित परिवारों को न्याय नही मिला। मुख्यमंत्री मोहन यादव से गुहार लगाने वह हरदा से भोपाल तक न्याय यात्रा निकाल रहे हैं।