गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरी करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से आठ लग्जरी चार पहिया वाहन बरामद हुए हैं.
आरोपी 15 सालों से चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. गैंग के सदस्य कई बार जेल जा चुके हैं. यह लोग अत्याधुनिक तरीके से टैब के जरिए गाड़ियों का लॉक खोलकर उसे चोरी किया करते थे.
पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांंच पुलिस कमिश्ररेट गाजियाबाद ने वाहन चोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चार पहिया वाहनों को चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चोरी के आठ चार पहिया लग्जरी वाहन समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से चोरी में प्रयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके कब्जे से चोरी की तीन ब्रेजा कार, तीन मारूति स्विफ्ट कार, एक मारुति फ्रोन्क्स और एक होंंडा सिटी कार बरामद की है.
पुलिस पूछताछ में आरोपी शकील उर्फ भुरवा ने बताया कि वह अनपढ़ है वह ट्रक ड्राइवर का काम करता था. वह 2010 में सलमान के संपर्क में आया और उसके साथ वाहन चोरी व लूट की वारदात करने लगा. इसमें वह पहली बार जेल गया था. जेल से छूटने के बाद भी साथियों के साथ चोरी व लूट की वारदात को अंजाम देता रहा और विभिन्न जनपदों में जेल जाता रहा.
वर्ष 2022 में शकील उर्फ भुरवा ने असलम, राशिद काला, हसीन के साथ मिलकर अपना वाहन चोरों का गैंग बना लिया और मेरठ, गाजियाबाद व दिल्ली एनसीआर से वाहन चोरी करने लगा. इस गैंग में शामिल हसीन भी अनपढ़ है और गांव में खेतों में मजदूरी का काम करता था. वह असलम के संपर्क में आया और उसके साथ लग्जरी कारें चोरी करने लगा. साल 2019 में दिल्ली से जेल गया था और जेल से छूटने के बाद फिर से इसी अपराध में शामिल हो गया.
इस गैंग का तीसरा आरोपी समीर जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है और 10वीं पास है. पहले वह टायर पंक्चर की दुकान करता था. बाद में 2021 ने इसने स्पेयर पार्ट्स की दुकान खोली. इसी बीच यह जोधपुर के ही साजिद खान व अरशद के संपर्क में आया और चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त व उनको काट कर उनके पार्ट्स अलग-अलग कर बेचने लगा. इस काम के लिए समीर ने जोधपुर में एक अलग से गोदाम ले रखा है.
पुलिस पूछताछ में शकील उर्फ भुरवा ने बताया कि इसके गिरोह में हसीन, असलम, राशिद काला, अज्जू उर्फ अजहरुद्दीन, हाफिज, अरशद, अब्दुल खालिक व समीर सक्रिय सदस्य हैं. जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लग्जरी गाड़ियों को उनकी मांग के अनुसार चोरी कर उसके इंजन नंबर व चेसिस नंबर में टैम्परिंग करके उसके फर्जी कागजात तैयार करके दूसरे राज्यों में बेच देते हैं. गाड़ी की डिमांड राजस्थान से अरशद, अब्दुल खालिक व समीर तथा मेरठ से अज्जू उर्फ अजहरुद्दीन व हाफिज बताते हैं.
शकील उर्फ भुरवा अपने साथी हसीन, राशिद काला व असलम के साथ डिमांड वाली गाड़ी की चोरी करने के लिए कार की रेकी करते है और जब रेकी करने के बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते, तब मौका देखकर ये लोग इलेक्ट्रानिक डिवाइस (टैब) के माध्यम से नकली चाबी बना लेते हैं और गाड़ी चोरी करके कुछ दूर जाने के बाद उसकी नंबर प्लेट चेंज कर देते हैं और जीपीएस चेक करके उसको निकालकर फेक देते हैं. फिर चोरी की गाड़ी को अपने छुपाने के स्थानों पर ले जाकर खड़ी कर देते हैं, बाद में जिन साथियों ने डिमांड की होती है, वह आकर उस गाड़ी को ले जाते हैं. राजस्थान के समीर, अरशद व अब्दुल खालिक आकर गाड़ियां ले जाने के बाद एक्सीडेंटल व टोटल लॉस की गाड़ियों के इंजन व चेसिस नंबर को इन चोरी की गाडि़यों पर नंबर टैम्पर करके बेच देते हैं.