January 23, 2025 9:33 am

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नए साल का पहला शनि प्रदोष कब? व्रत रखने से खत्म होगा शनि के बुरे प्रकोप! ..

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. इस खास दिन पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा से सुख-समृद्धि और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है. दरअसल, एक महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन सुबह से लेकर शाम तक व्रत किया जाता है और भगवान शिव समेत उनके पूरे परिवार की आराधना की जाती है. साथ ही, विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. आइए जानते हैं उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से नए साल जनवरी के महीने में पहला प्रदोष व्रत कब आ रहा है.

कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी और 12 जनवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे मे जनवरी का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 को रखा जाएगा.

कई शुभ योग में मनाया जाएगा प्रदोष व्रत
नए साल के पहला प्रदोष व्रत शनिवार को आ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन कई शुभ योग में भगवान शिव व गौरा की पूजा करी जाएगी. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस समय में अमृत सिद्धि योग भी बना रहेगा.

शनि प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
शनि प्रदोष व्रत के दिन मान्यता है कि इससे शनि के बुरे प्रभाव से बचाव होता है. इस व्रत को करने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. इसलिए इस साल के आखिरी प्रदोष व्रत का लाभ उठाएं और भगवान शिव और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें. ऐसा करने से आपको नए साल में भी शिव और शनि की कृपा प्राप्‍त होगी. शनि प्रदोष व्रत एक खास मौका है जब आप अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से विशेष फल मिलता है.

इन नियमों का जरूर करें पालन
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें.
2. इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करके भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें.
3. शिव परिवार का पूजन करें और भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.
4. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें. इसके बाद ही अपना उपवास खोलें.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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