खबर 30 दिन न्यूज़ नेटवर्क
रवि और उसकी दोस्त रुचि को हमेशा से नई जगहों की यात्रा करना पसंद था। इस बार, उन्होंने छत्तीसगढ़ घूमने का फैसला किया, क्योंकि यह राज्य अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
जंगलों की गोद में बसा चित्रकोट जलप्रपात
उनकी यात्रा की पहली मंजिल थी चित्रकोट जलप्रपात, जिसे “भारत का नियाग्रा” भी कहा जाता है। जैसे ही उन्होंने इस विशाल झरने को देखा, वे इसकी खूबसूरती में खो गए। पानी की गड़गड़ाहट, इंद्रधनुषी छटा और हरियाली से घिरा माहौल उनके दिल को छू गया।
तीरथगढ़ जलप्रपात – शांति और सुकून
इसके बाद, वे पहुंचे तीरथगढ़ जलप्रपात। यहाँ का शांत माहौल और झरने से गिरता दूधिया पानी किसी स्वर्ग से कम नहीं था। रवि ने कैमरा निकाला और ढेर सारी तस्वीरें खींचीं, जबकि रुचि पानी के पास बैठकर प्रकृति का आनंद ले रही थी।
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य – वन्यजीव प्रेमियों की जन्नत
प्रकृति को करीब से देखने के लिए उन्होंने बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य का रुख किया। यहाँ उन्हें दुर्लभ पक्षी, जंगली भैंसे और हिरण देखने को मिले। जंगल सफारी के दौरान एक तेंदुए की झलक पाकर वे रोमांचित हो उठे।
मांडवा महल और सिरपुर – इतिहास की कहानियाँ
इसके बाद वे सिरपुर पहुंचे, जो प्राचीन बौद्ध संस्कृति और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के लक्ष्मण मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला उन्हें हैरान कर गई। मांडवा महल में पहुंचकर उन्होंने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक गौरव को महसूस किया।
बस्तर की आदिवासी संस्कृति और हस्तशिल्प

यात्रा का अंत हुआ बस्तर में, जहाँ उन्होंने स्थानीय आदिवासियों की संस्कृति को करीब से जाना। वहाँ के धातु शिल्प और लकड़ी की नक्काशी ने रुचि को इतना प्रभावित किया कि उसने कुछ हस्तशिल्प खरीद लिए।
रवि और रुचि ने महसूस किया कि छत्तीसगढ़ सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि प्रकृति, इतिहास और संस्कृति का अनूठा संगम है। उनकी यह यात्रा हमेशा के लिए यादगार बन गई।
अगर आपको भी रोमांच, प्रकृति और संस्कृति से प्यार है, तो छत्तीसगढ़ की यात्रा जरूर करें!
