खबर 30 दिन/बीबीसी लाईव न्यूज़ नेटवर्क
अब्दुल सलाम कादरी ।
मनेन्द्रगढ़, छत्तीसगढ़, 09 मार्च 2025
जनकपुर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तहत जल आपूर्ति एवं इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में भारी भरकम घोटाले के आरोप जनता और विपक्षी दलों की तंज़ीम का केंद्र बन चुके हैं। कई सूत्रों और स्थानीय शिकायतकर्ताओं के अनुसार, योजनाबद्ध कार्यों में अनुचित टेंडर प्रक्रिया, बढ़ी हुई लागत और घटिया निर्माण कार्य के माध्यम से करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किया गया है।
परियोजना का पृष्ठभूमि
जनकपुर, जो मनेन्द्रगढ़ जिले का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरेलू नल कनेक्शन, पानी टंकी, सोलर पंप और समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य चल रहा था। इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। लेकिन हाल के रिपोर्टों के अनुसार, परियोजनाओं के लिए आवंटित विशाल धनराशि का एक बड़ा हिस्सा अनुचित तरीके से अपने पक्ष में मोड़ लिया गया है।
घोटाले की मुख्य बातें
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अनियमित टेंडर प्रक्रिया:
आरोप है कि ठेकेदारों को पूर्व निर्धारित अनुबंध राशि से कहीं अधिक में टेंडर जारी कर ठेके प्राप्त किए गए। संबंधित अधिकारियों ने इन टेंडरों में पारदर्शिता का अभाव बरतते हुए, आवश्यक जांच के बजाय मनगढ़ंत दस्तावेज़ी सबूत प्रस्तुत करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। -
बढ़ी हुई लागत और घटिया निर्माण:
परियोजना के तहत नल कनेक्शन, पानी टंकी और सोलर पंप स्थापना के कार्यों में वास्तविक लागत से 20–30% अधिक राशि बिलकुल बेकार निर्माण कार्य और घटिया सामग्री में खर्च हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि टंकी में लगातार रिसाव, नलों से पानी का अनियमित प्रवाह और अन्य निर्माण संबंधी खामियाँ साफ झलक रही हैं। -
घूसखोरी और रिश्वत लेन-देन:
कई स्थानों पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि पीएचई विभाग के कुछ अधिकारियों ने ठेकेदारों से रिश्वत लेकर अनुबंध प्रक्रिया में पक्षपात किया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि अधिकारियों ने असलियत छुपाने के लिए फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट और डिजिटल सबूत प्रस्तुत किए हैं। -
जनता की असंतुष्टि:
स्थानीय निवासियों ने बताया कि despite भारी निवेश के बावजूद, उन्हें दिन-प्रतिदिन के उपयोग के लिए उपयुक्त और नियमित पानी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। पानी की टंकी और नल कनेक्शन केवल शो पीस बनकर रह गए हैं, जिससे ग्रामीणों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ और जांच की स्थिति
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जनकपुर के अधिकारियों का कहना है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप चल रहे हैं। वे आरोपों को झूठा बताते हुए कहते हैं कि यदि किसी कार्य में कमी रह गई है, तो वह तकनीकी त्रुटि है जिसे जल्द ही सुधारा जाएगा? लेकिन कब तक यह कहना सुनिश्चित नही है?

विपक्षी दल और जनता का रुख:
विपक्षी दलों ने मामले की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि तत्काल स्वतंत्र जांच आयोग का गठन किया जाए। उनके अनुसार, इस घोटाले में न केवल जनता का विश्वास डगमगा गया है बल्कि राज्य के विकास के प्रयास भी प्रभावित हो रहे हैं।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई:
अभी तक मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के लोक प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों (जैसे कि CBI या ED) से गहन जांच करने का संकेत आया है। शिकायतकर्ताओं ने आवश्यक दस्तावेज़ और वीडियो सबूत भी संबंधित अधिकारियों के पास सौंप दिए हैं, जिससे आगे की जाँच में सहायता मिलेगी।
आगे की संभावनाएँ
इस घोटाले के खुलासे के बाद, कई उच्चस्तरीय अधिकारियों के आवासों और दफ्तरों पर छापेमारी की संभावनाएँ जताई जा रही हैं। विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि इस मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच न होने से भ्रष्टाचार और बढ़ेगा। वहीं, जनता और स्थानीय मीडिया ने भी इस मामले पर कड़ी नजर रखने का आश्वासन दिया है।
(जनकपुर, मनेन्द्रगढ़) – लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में लाखों रुपये के घोटाले की सूचना मिलने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। इस घोटाले में विभाग के अधिकारी और ठेकेदारों पर गहरी तंज़ और जाँच का आरोप लगाया जा रहा है।
घटना की रूपरेखा
जनकपुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जो मनेन्द्रगढ़ जिले के अंतर्गत आता है।
phe के विभागीय खर्चों, संशोधित दरों एवं ठेका प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के चलते लाखों रुपये की राशि गड़बड़ियों के रूप में गलत दिशा में चली गई है। जानकारी के अनुसार, विभाग द्वारा त्री-लिफाफा पद्धति (तीन अलग-अलग लिफाफों में बोली जमा करने की प्रणाली) के तहत ठेका दिए जा रहे थे। इस प्रक्रिया में दरों में संशोधन और पारदर्शिता की कमी के कारण ठेकेदारों द्वारा अत्यधिक लाभ कमाया जा रहा था।
– **संशोधित दरें:** विभाग द्वारा तय की गई संशोधित दरों में छूट एवं बढ़ोतरी के चलते ठेकेदारों को अनुचित लाभ हुआ।
– **त्रि-लिफाफा प्रणाली:** बोली लगाने की इस पद्धति में पारदर्शिता की कमी ने कई मामलों में मिल-जुल कर ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के बीच आपसी समझौते को जन्म दिया।
– **गुमशुदा धनराशि:** जांच में पता चला कि लाखों रुपये की राशि विभागीय खातों से गुम हो गई है, जिसके लिए जिम्मेदार ठेकेदारों और कुछ उच्च पदस्थ अधिकारियों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा था।
> “यह घोटाला न केवल वित्तीय अनियमितताओं का प्रतीक है, बल्कि इससे जनहित के मौलिक ढांचे पर भी प्रश्नचिह्न लगते हैं। हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।”
### प्रभावित सेवाओं पर असर
जनकपुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का मुख्य कर्तव्य जन-सुविधाओं जैसे पानी आपूर्ति, सफाई, और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधित परियोजनाओं का क्रियान्वयन करना है। इस घोटाले से न केवल विभागीय बजट पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि इससे जनता को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं में भी कमी आ सकती है।
– **जल आपूर्ति:** विभाग द्वारा निर्धारित परियोजनाओं में देरी के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
### आगे की कार्रवाई
जांच एजेंसियों ने तुरंत ही इस घोटाले की तह तक जाने के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी है। भविष्य में प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि:
– पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी।
– त्रि-लिफाफा पद्धति सहित सभी ठेका प्रणाली की समीक्षा की जाएगी।
– दोषियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई तेज की जाएगी।
– विभागीय खातों का नियमित ऑडिट एवं निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
### विशेषज्ञों और नागरिकों की प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के घोटालों को रोकने के लिए विभागीय प्रक्रियाओं में सुधार, नियमित ऑडिट, और सख्त निगरानी आवश्यक है। नागरिक भी इस घटना से काफी चिंतित हैं।
> “जब जनता के मूलभूत अधिकारों जैसे पानी और स्वच्छता की बात होती है, तो इस प्रकार की अनियमितताएँ असहनीय हैं,” एक स्थानीय नागरिक ने कहा।
निष्कर्ष
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हुए इस लाखों के घोटाले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। जिले के अधिकारियों ने मामले की तह तक जाने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और जानकारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जनकपुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में लाखों रुपए के घोटाले के आरोप ने क्षेत्र में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। जबकि प्रशासन की ओर से आरोपों को खारिज करने का प्रयास जारी है, जांच एजेंसियों द्वारा जल्द ही गहन जांच शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक हो गया है कि जल जीवन मिशन के तहत होने वाले कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए ताकि ग्रामीण जनता का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके।
सर्वप्रथम यहां जमे अधिकारियों बाबुओ और सब इंजीनियर को तत्काल अन्यंत्र ट्रांसफर किया जाए। और एक एक पैसे का हिसाब लिया जाए, जिससे पूरी पारदर्शिता बनी रहे
