April 18, 2025 6:46 am

बहरासी वन परीक्षेत्र में वृक्षारोपण घोटाला: बिना वन बल प्रमुख और मंत्री की मिलीभगत से क्या यह खेल सम्भव!

मनेन्द्रगढ़।जनकपुर (बहरासी वन परीक्षेत्र)
  • छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार का गढ़ बना वन विभाग, रेंजर से लेकर बड़े अधिकारियों तक का नाम शामिल!

रायपुर | मनेन्द्रगढ़। “खबर 30 दिन” विशेष रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के बहरासी वन परीक्षेत्र में वृक्षारोपण योजना को लेकर एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। करोड़ों रुपये के इस खेल में वन बल प्रमुख, वन मंत्री और प्रभारी रेंजर की संदिग्ध भूमिका उजागर हुई है। सूत्रों के अनुसार, वृक्षारोपण की यह योजना सिर्फ कागजों पर ही पूरी कर दी गई, जबकि हकीकत में न पौधे लगे, न जंगलों का हरियाली से कोई वास्ता रहा।

जांच दबाने की हो रही साजिश!

इस मामले में जैसे ही अनियमितताओं की खबर फैली, जांच को दबाने के लिए रेंजर ने अपने रसूख और पहुंच का पूरा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। सूत्रों का दावा है कि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस घोटाले की पूरी जानकारी है, लेकिन वे जांच को किसी भी हाल में आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। “जो हो गया सो हो गया, अब इसे भूल जाइए,” जैसी मानसिकता के साथ जांच को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है।

बहरासी रेंज के जंगल

कैसे हुआ करोड़ों का घोटाला?

  1. फर्जी बिलों का खेल: वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों रुपये की निकासी कर ली गई, जबकि जमीनी स्तर पर काम नगण्य हुआ।
  2. घोषणाओं में बड़े-बड़े दावे, हकीकत में धोखा: सरकारी रिकॉर्ड में हजारों पौधे लगाने का दावा, लेकिन मौके पर गिने-चुने पेड़ ही मिले।
  3. भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत: छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाकर बड़े अधिकारी अपनी जेबें भरते रहे।
  4. ठेकेदारों को फायदा: पसंदीदा ठेकेदारों को ठेका देकर गुणवत्ता की अनदेखी की गई।

मंत्री और वन बल प्रमुख की भूमिका संदिग्ध!

कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि वन बल प्रमुख और वन मंत्री को इस पूरे मामले की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने अपनी चुप्पी साधकर पूरे भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। कुछ सूत्रों का कहना है कि मंत्री स्तर से इस घोटाले को “मैनेज” करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

अब क्या होगा आगे?

यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई, तो कई बड़े नामों पर गाज गिर सकती है। लेकिन सवाल यह है कि जब “जांचकर्ता ही घोटालेबाजों के साथ मिले हों,” तो क्या सच्चाई कभी बाहर आ पाएगी?

छत्तीसगढ़ की जनता को यह तय करना होगा कि क्या वह ऐसे भ्रष्टाचार को सहन करती रहेगी या इसके खिलाफ आवाज उठाएगी!


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संपर्क करें: अब्दुल सलाम कादरी, एडिटर इन चीफ, खबर 30 दिन/बीबीसी लाईव

(इस रिपोर्ट में सूत्रों से प्राप्त जानकारी का उपयोग किया गया है। खबर 30 दिन इसकी सत्यता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता। जांच हेतु जो पत्र दिया गया सिर्फ उसकी पुष्टि करता है)

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