April 24, 2025 12:59 pm

Supreme Court Waqf Act : वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ इस सिख ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, जानें विस्तार से

वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में एक नई चुनौती सामने आई हैं.. सिख धर्म को मानने और गुड़गांव स्थित गुरुद्वारा सिंह ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है।बता दें,कि दया सिंह ने अपनी याचिका में वक्फ संशोधन के मूल ढांचे के खिलाफ बताया है उन्होंने तर्क दिया है कि यह कानून न सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच असमानता पैदा करता है,बल्कि समुदाय की धार्मिक और संपत्ति संबंधी स्वायत्तता पर भी सवाल खड़े करता है..

याचिका में दया सिंह ने दावा किया कि वक्फ अधिनियम केवल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों को संरक्षण देने की बात करता है, जबकि अन्य धार्मिक समुदायों की संपत्तियों को ऐसे किसी विशेष कानून का संरक्षण नहीं प्राप्त है। उनका कहना है कि यह धार्मिक समानता और निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है। दया सिंह की याचिका के बाद वक्फ कानून पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।

दया सिंह का कहना है कि वो धार्मिक भाईचारे के हिमायती हैं. साथ ही, लोगों में किए जाने वाले दान से जुड़े कार्य के भी समर्थक हैं. लेकिन वक्फ संशोधन कानून को लेकर सिंह का मानना है कि वक्फ के मूल कानून में हुए संशोधन से लोगों के मुलभूत अधिकार का उल्लंघन हुआ है, जहां वे धार्मिक पहचाने से हटकर पहले दान-पुण्य से जुड़े काम कर सकते थे लेकिन अब इस पर मनाही हो गई है. दया सिंह ने कहा कि सिख धर्म में भी ऐसी प्रथा है, जहां दूसरे धर्म के लोग भी दान करते हैं.

दोपहर 2 बजे से आज सुनवाई
याचिकाकर्ता ने और भी कुछ आधार पर इस कानून को चुनौती दी है. जिनमें वक्फ बाई यूजर को खत्म करना, वक्फ के लिए 5 साल इस्लाम की प्रैक्टिस करने की शर्त को जोड़ना और गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना जैसी चीजें शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट में दया सिंह की याचिका को वरिष्ठ वकील श्वेतांक सैलाकवाल ने दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ – जिसमें चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं, आज दोपहर 2 बजे से वक्फ के खिलाफ दायर दर्जनों याचिकाओं को सुनेंगे.

आज जिनकी याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज असद्दुदीन ओवैसी, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, अरशद मदनी, समस्त केरल जमीअतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैयब खान, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुररहीम, मनोज झा, मोहम्मद जावेद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, जिया उर रहमान, महुआ मोइत्रा, मौलाना असद मदनी, तमिलनाडु मुस्लिम मुन्नेत्र कड़गम, सईद नकवी, सीपीआई, वाईएसआरसीपी, टीवीके, इमरान मसूद समेत और दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई होनी है.

दया सिंह की क्या हैं दलीलें?
सिख धर्म के अनुयायी दया सिंह ने गैर-मुसलमानों द्वारा घोषित की जाने वाली वक्फ संपत्ति पर नए कानून के जरिये रोक लगाने का विरोध किया है. सिंह की दलील है कि गैर-मुसलमानों को अपनी संपत्ति वक्फ के नाम करने से रोक लगाकर इस कानून ने संपत्ति की स्वायत्ता को प्रतिबंधित किया है. इसे अंतरात्मा और धार्मिक अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन सिंह ने कहा है. उनकी दलील है कि महज धार्मिक पहचान के आधार पर किसी को दान करने से राज्य नहीं रोक सकता.

उन्होंने इसे संविधान के धर्मनिरपेक्ष भावना के विरुद्ध बताया है. याचिकाकर्ता ने इसे मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव करने वाला कानून बताया है. साथ ही, मुस्लिमों के ही संपत्ति को मैनेज करने के लिए लाए गए कानून की निंदा की है. उनका मानना है कि हिंदू और सिख धर्म के लोग अपनी धार्मिक संपत्तियों को मैनेज स्वायत्त तरीके से कर पाते हैं. फिर मुसलमानों की संपत्तियों के लिए ही नई व्यवस्था को लाना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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