May 23, 2025 8:56 pm

छत्तीसगढ़: कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सुरक्षाबलों द्वारा जारी अभियान के बीच नक्सलियों का नया शांति प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच जारी मुठभेड़ के बीच माओवादियों ने एक बार फिर से शांति वार्ता की पहल की है. बीजापुर और तेलंगाना की सीमा से लगे पुजारी कांकेर क्षेत्र की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में पिछले कई दिनों से सुरक्षाबलों का अभियान जारी है. पुलिस के अनुसार अब तक तीन नक्सली मारे जा चुके हैं.

माओवादियों ने अप्रैल 25 को एक बयान जारी कर बीजापुर – तेलंगाना सीमा पर जारी ‘घेराव उन्मूलन सैनिक अभियान’ को तुरंत रोकने का आह्वान किया और कहा कि सरकार को शांति वार्ता के लिए आगे आना चाहिए.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश  द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में लिखा गया है, ‘सभी लोग चाहते हैं समस्या का समाधान शांति वार्ता के जरिए हो. शांति वार्ता के लिए हमारी पार्टी हमेशा तैयार है. हमारी पार्टी की केंद्रीय कमेटी ने भी शांति वार्ता को लेकर पत्र जारी किया था.’

पत्र में आगे लिखा है, ‘विश्वास की कमी को दूर करने के लिए हमारी तरफ से लगातार प्रयास जारी है. लेकिन सरकार की मंशा अलग दिख रही है. शांति वार्ता के जरिए समस्या का हल होने की संभावना रहने के बावजूद, सरकार दमन व हिंसा के प्रयोग से समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास कर रही है. बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभियान को लांच किया जाना इसी का नतीजा है. इस अभियान को तुरंत रोकना चाहिए, सुरक्षाबलों को वापस लेना चाहिए.’

माओवादियों ने सरकार से उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान को एक महीने के लिए स्थगित करने की अपील की है.

पत्र में पढ़ा जा सकता है, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि वह वार्ता के माध्यम से समाधान का रास्ता अपनाए और अनुकूल माहौल बनाए. हमारी अपील पर सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया की हम उम्मीद के साथ प्रतीक्षा करेंगे.’

इस बीच मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबल के 40 जवान गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए. उपचार के लिए उन्हें तेलंगाना के अस्पताल में ले जाया गया है. स्थानीय खबरों के अनुसार आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से एक जवान को मामूली चोटें आई हैं.

ज्ञात हो कि 2 अप्रैल को माओवादियों ने सरकार के समक्ष शांति वार्ता का एक प्रस्ताव रखा था. नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक बयान में कहा था कि अगर सरकार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों को रोक देती है, तो वे बिना शर्त शांति वार्ता के लिए तैयार हैं.

इस बयान में प्रवक्ता अभय ने कहा था, ‘हम जनता के हित में केंद्र और राज्य सरकार के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रख रहे हैं. इसके लिए हमारी मांग है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हत्याएं और नरसंहार बंद हों. नए सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकी जाए.’

उन्होंने आगे कहा था कि अगर सरकार इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती है, तो नक्सली तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे.

लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इन शांति प्रस्ताव पर अमल करने के लिए तैयार नहीं है. साल 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के वादे पर सरकार अडिग नज़र आ रही है. विभिन्न अभियानों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष मार्च के महीने तक 90 नक्सलियों को मार दिया गया है.

कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में बीते कई दिनों से जारी इस अभियान को नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़े अभियानों में से एक माना जा रहा है. स्थानीय खबरों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया है.

पुलिस के अनुसार, इस पहाड़ी पर दो सौ से अधिक प्रमुख माओवादी छुपे हुए हैं, जिनमें पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की बटालियन नंबर 1 के भूतपूर्व प्रमुख हिड़मा, दामोदर और रजन्ना समेत कई अन्य वरिष्ठ सदस्य भी हैं.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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