न्यूज नेटवर्कः तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार के अगली जनगणना में जाति जनगणना शामिल करने के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह फैसला विपक्ष के दबाव में लिया गया है. रेड्डी ने तेलंगाना सरकार द्वारा ओबीसी सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि तेलंगाना का उदाहरण पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अगली राष्ट्रीय जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने के केंद्र के फैसले की पहले तारीफ की है. इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने ये फैसला विपक्ष के दबाव के बाद लिया है. उनका कहना है कि तेलंगाना सरकार
को गर्व है कि ओबीसी सशक्तिकरण के लिए उसके कदम ने देश को प्रेरित किया.
सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘दबाव में आकर आज केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे. हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस फैसले का स्वागत करते हैं. हम उनसे अनुरोध करते हैं कि अगर वे वास्तव में जाति जनगणना कराना चाहते हैं, तो उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों की एक समिति और फिर एक विशेषज्ञ समिति का गठन करना चाहिए और एक अध्ययन कराना चाहिए.’
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनते ही जनगणना में जाति जनगणना हम करके दिखाए हैं. इसके बाद हम विधानसभा में प्रस्ताव पास किए कि केंद्र सरकार आने वाली जनगणना में जाति जनगणना करे. अगर नहीं किए तो बीजेपी को देश माफ नहीं करेगा इसलिए सड़क से लेकर संसद तक इसको लेकर आवाज उठाए. दिल्ली जाकर जतंर-मंतर पर आवाज बुलंद कि इस बार पीएम मोदी को जाति जनगणना करनी ही पड़ेगी नहीं तो वो दोबारा मैदान में नहीं आएंगे.’
‘तेलंगाना आज जो करता है, भारत कल उसका अनुसरण करेगा’
बीते दिन उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी की दृष्टि और दिशा के आधार पर तेलंगाना पिछले साल जाति सर्वेक्षण करने वाला पहला राज्य है. यह स्वतंत्र भारत में पहला था, आखिरी बार 1931 में अंग्रेजों ने किया था. राज्य भर में व्यापक सामाजिक, आर्थिक, जाति सर्वेक्षण किया गया और पाया गया कि 56.32 प्रतिशत आबादी पिछड़ी जातियों की है. तेलंगाना विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर राज्य ने शिक्षा, काम और राजनीतिक पदों में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण का संकल्प और प्रस्ताव भी रखा. आज, आखिरकार हमने साबित कर दिया है कि तेलंगाना आज जो करता है, भारत कल उसका अनुसरण करेगा. हमें गर्व है कि ओबीसी सशक्तिकरण के लिए तेलंगाना सरकार के कार्यों ने देश को प्रेरित किया है और भारत ने भी हमारे राज्य के कार्यों का अनुसरण करने पर सहमति व्यक्त की है.’
