गोल करते—करते गोल खा गयी बीजेपी
राहुल गांधी ने मंडल की अवधारणा को जनता तक पहुंचाया
जातिगत जनगणना को तोडऩे वाली राजनीति कहा था पीएम मोदी ने
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का अल्टीमेटम 100 फीसदी सफल रहा। राहुल ने संसद में बोलते हुए जोर देकर कहा था कि हम जातिगत जनगणना करवा कर के रहेंगे। सरकार को विपक्ष की मांग के आगे झुकना पड़ा और केन्द्रीय कैबिनेट ने जातिगत जनगणना कराने की बात स्वीकार कर ली है। विपक्ष इसे अपनी जीत बता रहा है तो बीजेपी नेता खुद इसका श्रेय ले रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी ने विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग को तोडऩे वाली राजनीति कहा था।
राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि देश में सिर्फ चार जातियां हैं, लेकिन अचानक से उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी। हम सरकार के इस फैसले का पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को इसकी टाइमलाइन बतानी होगी कि जातिगत जनगणना का काम कब तक पूरा होगा। राहुल गांधी ने कहा कि हम देश में जातिगत जनगणना के माध्यम से एक नए तरीके का विकास लाना चाहते हैं। चाहे ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, इनकी देश में कितनी भागीदारी है, यह सिर्फ जातिगत जनगणना से पता चलेगा, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में इन लोगों की कितनी भागीदारी है। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था कि आर्टिकल 15(5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए और हमारी मांग है कि सरकार इसे तत्काल लागू करे।
गहलोत ने पूछा सवाल?
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राहुल गांधी लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार का यह फैसला देशहित में साबित होगा। उन्होंने आरक्षण की 50 फीसदी सीमा समाप्त करने और निजी शैक्षणिक संस्थानों में भी आरक्षण लागू करने की राहुल गांधी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जनगणना कब शुरू होगी और कैसे होगी, यह भी साफ किया जाना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने फोड़े पटाखे
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले पर खुशी जताते हुए जमकर आतिशबाजी की। उन्होंने इसे लालू यादव और समाजवाद की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह उनकी 30 साल पुरानी मांग थी जो अब पूरी हो रही है। उन्होंने जनगणना के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे देशभर में लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डिप्टी सीएम ने बताया पीएम का मास्टर स्ट्रोक
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जातिगत जनगणना का श्रेय पीएम मोदी को देते हुए कहा है कि यह उनका मास्टर स्ट्रोक है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के फैसले से कांग्रेस सपा राजद के नेताओं की नींद उड़ गई है। राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को रात को नींद भी नहीं आई होगी। देश में वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन उसने पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया। मोदी की सरकार ने ओबीसी आयोग, नीट में ओबीसी रिजर्वेशन, केंद्रीय विद्यालय में ओबीसी रिजर्वेशन देने का काम किया।
पंचायती राज मंत्री ओपी राजभर ने किया समर्थन
उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने जातिगत जनगणना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर खुशी जताते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि 1921 के बाद कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियां, जो दशकों तक सत्ता में रहीं, इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सकीं। राजभर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वह काम कर दिखाया, जो अन्य सरकारें नहीं कर पाईं। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम करार दिया।
टाइमिंग पर सवाल?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने जातिगत जनगणना के एलान की टाइमिंग पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अभी बिहार दौरे से आए हैं। उन्हें वहां हार सुनिश्चित लग रही है इसलिए, केंद्र जाति-जनगणना कराने के पक्ष में आई है। संदीप दीक्षित ने कहा कि हम कई वर्षों से जाति-जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तो कई बार संसद में सरकार के सामने जाति-जनगणना कराने का मुद्दा उठाते रहे हैं। लेकिन, तब केंद्र की एनडीए सरकार और उनके वरिष्ठ मंत्री राहुल गांधी पर न जाने कैसी-कैसी बातें कहते थे। राहुल गांधी पर आरोप लगाते थे कि वह हिंदू समाज को बांट रहे हैं। अब तक जो सरकार जाति-जनगणना कराने के पक्ष में नहीं थी, वह अचानक कैसे जाति-जनगणना कराने के पक्ष में आई है। वह भी ऐसे माहौल में जब हमारे सामने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी घटना हुई। देश सरकार से कार्रवाई की ओर देख रही थी और उन्होंने जाति-जनगणना कराने का फैसला लिया।
राजनीतिक फायदे में कांग्रेस
कांग्रेस लंबे समय बाद किसी ठोस वैचारिक लड़ाई में दिखाई दे रही है। राहुल गांधी ने मंडल की अवधारणा को जनता तक पहुँचाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रम किये। जनसभा और संसद के मंच का प्रयोग किया और कामयाब हुए। यदि कांग्रेस इस मुद्दे पर ओबीसी समाज को जोडऩे में सफल रहती है तो वह भाजपा के बड़े वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। हालांकि, कांग्रेस को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह रणनीति सिर्फ नारे तक सीमित न रहे उसे राज्यों में टिकट बंटवारे, संगठन निर्माण और स्थानीय ओबीसी नेतृत्व को उभारने का काम भी करना होगा।
’आखिर हम जीते, यह हमारे पुरखों की जीत‘
भाजपा ने कोर्ट में इस मामले को फंसाया
पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में जातीय जनगणना करने का एलान किया है। इस संबंध में तेजस्वी यादव ने जो बयान दिया है वह काफी चर्चा में है। उन्होंने इसको लालू प्रसाद की, समाजवादियों की, उनकी और उनके पुरखों की जीत बताया है।
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग जातीय जनगणना कराकर आरक्षण 65 फ़ीसदी बढ़ाए थे। जब हमारी महागठबंधन की सरकार थी, तब हमने कैबिनेट में केंद्र सरकार को यह सिफारिश भी भेजी थी ताकि उसको अनुसूची 9 में डाला जा सके। लेकिन अब तक भारत सरकार ने यह काम नहीं किया है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने कोर्ट में इस मामले को फंसाया। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हमारी मांग है, यह हमारी ही जीत है। यह लालू जी की जीत है, यह हमारे पुरखों की जीत है। यह समाजवादियों की जीत है। यह हमारे ही एजेंडे की बात कर रही है जो भाजपा कल तक कहती थी नहीं करेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों की ताकत है। तेजस्वी यादव ने मांग करते हुए कहा कि यह परिसीमन से पहले होना चाहिए। पिछड़े और अति पिछड़ों का पार्लियामेंट में विधानसभा के चुनाव में सीटों को आरक्षित करना होगा जिस प्रकार से दलित भाइयों का है और आदिवासी भाइयों का है।
हम इन संघियों को अपने एजेंडे पर नचाते रहेंगे : लालू
इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है पहले जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की माँग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाक़ी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे। मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था, जिस पर बाद में एनडीए की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया। 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई। मैंने, स्व. मुलायम सिंह, स्व. शरद यादव ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप्प किया और बाद में प्रधानमंत्री स्व. मनमोहन सिंह के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ।
बिना समय सीमा के सुर्खियां बनाने में माहिर हैं पीएम मोदी: जयराम
कांग्रेस का मोदी सरकार से सवाल- हेडलाइन तो दे दी लेकिन डेडलाइन कहां है
नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के फैसले की घोषणा के बाद सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना समय सीमा के सुर्खियां बनाने में माहिर हैं। कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि इस फैसले को लेकर कई सवाल उठते हैं, खासकर सरकार की मंशा पर, और मांग की कि जनगणना जल्द से जल्द होनी चाहिए। पार्टी के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में आयोजित एक बैठक में प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए रमेश ने कहा कि वह बिना समय सीमा के सुर्खियां बनाने में माहिर हैं। आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग करते हुए रमेश ने पूछा कि मोदी सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे राहुल गांधी ने कल कहा, हेडलाइन तो दे दी, लेकिन डेडलाइन कहां है? हमारे प्रधानमंत्री बिना डेडलाइन के हेडलाइन देने में माहिर हैं। उन्होंने बताया कि उस प्रेस विज्ञप्ति में जाति गणना का कोई उल्लेख नहीं था। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि यह जनगणना नहीं हुई है और छह साल बीत चुके हैं। आश्चर्यजनक रूप से, सरकार ने कल इसकी घोषणा की।
जनगणना आयुक्त कार्यालय को मात्र 575 करोड़ रुपए आवंटित
2025-26 में गृह मंत्रालय में जनगणना आयुक्त कार्यालय, जिसे जाति जनगणना कराने की जिम्मेदारी दी गई है, को बजट में 575 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। लेकिन 24 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय जनगणना के लिए 8254 करोड़ रुपए की जरूरत है। तो, उद्देश्य और मंशा क्या है? सिर्फ हेडलाइन?
