नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 मई) को अधिकारियों से कहा कि वे एक परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ पाकिस्तान वापस भेजे जाने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें, जो कथित तौर पर अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रुके हैं, जब तक कि उनके पहचान दस्तावेजों के सत्यापन पर आदेश नहीं आ जाता.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार के सदस्य कश्मीर के निवासी हैं और उनका बेटा बेंगलुरु में काम करता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस परिवार को पाकिस्तान वापस भेजा जा रहा था.
ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. इसके बाद सरकार द्वारा जारी आदेश के मद्देनज़र पाकिस्तानी नागरिकों को पाकिस्तान डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी.
यह देखते हुए कि यह मामला मानवीय पहलू से जुड़ा है, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने परिवार को यह स्वतंत्रता दी कि अगर वे दस्तावेज सत्यापन आदेश से असंतुष्ट हैं तो वे जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
मालूम हो कि शीर्ष अदालत अहमद तारिक बट और उनके परिवार के पांच सदस्यों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने दावा किया था कि वैध भारतीय दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें हिरासत में लिया गया और पाकिस्तान वापस भेजने के लिए वाघा सीमा पर ले जाया गया.
पीठ ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद केंद्र की 25 अप्रैल की अधिसूचना आदेश में उल्लेखित लोगों को छोड़कर बाकी सभी पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने के लिए एक विशिष्ट समयसीमा भी दी है.
गौरतलब है कि इस आतंकी हमले के एक दिन बाद ही 23 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तान के डिफेंस अताशे को निष्कासित कर दिया और इस्लामाबाद से अपने डिफेंस अताशे को वापस बुला लिया, राजनयिक मिशनों को छोटा कर दिया, सिंधु जल संधि में अपनी भागीदारी को रोक दिया, एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना का लाभ उठाने से रोक दिया.
इस संबंध में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपने बयान में कहा था कि अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को ‘तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई, 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.’
भारत-पाकिस्तान वीज़ा प्रणाली के तहत आगंतुक केवल एक ही प्रवेश मार्ग से प्रवेश और निकास कर सकते हैं. इसके अलावा, मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
