नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार (1 मई) को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराईं हैं. इन शिकायतों में मुख्यमंत्री पर पंचायत चुनावों के लिए चल रहे प्रचार के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पंचायत चुनाव रैलियों के दौरान सीएम शर्मा ने सेवानिवृत्त जस्टिस बिप्लब कुमार शर्मा आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक गवाह के बयान का उल्लेख किया था, जिसे लेकर महिलाओं के लिए आपत्तिजनक बात कही गई है. ये आयोग 2013 और 2014 में असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) परीक्षाओं में अनियमितताओं की जांच कर रहा था, जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मा ने कहा था कि गवाह के बयान में कहा गया है कि कांग्रेस शासन के दौरान महिलाओं को नौकरी पाने के लिए ‘गलत रास्ता अपनाना पड़ा.’
इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता मोनालिसा बरुआ हजारिका ने कहा, ‘जिला कांग्रेस अध्यक्षों और अन्य नेताओं ने अपने स्थानीय थानों में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें मुख्यमंत्री की उन टिप्पणियों की निंदा की गई है, जो कथित तौर पर असमिया महिलाओं के चरित्र को गलत तरीके से पेश करती हैं.’
हजारिका ने कहा कि कांग्रेस ने बीएनएस के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
इस मामले को लेकर महानगर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गोपाल चंद्र शर्मा ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि असम की महिलाओं की शुचिता पर संदेह जताने वाली मुख्यमंत्री की टिप्पणी बहुत ही पिछड़ी और बुरी मानसिकता को दर्शाती है.’
शर्मा ने कहा, ‘यदि कोई अनियमितता हुई है, तो वर्तमान मुख्यमंत्री को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.’
उन्होंने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि कथित अनियमितताओं के समय मुख्यमंत्री शर्मा, जो उस समय कांग्रेस में थे, स्वयं एक प्रभावशाली मंत्री थे और राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा थे.
इस मुद्दे को लेकर महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने भी सीएम के बयान की आलोचना और निंदा की है. उन्होंने महिला कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर असम के मुख्यमंत्री से सार्वजनिक तौर पर मांफी मांगने को कहा है.
इसके अलावा लांबा कहा है कि यह अत्यंत दुखद और शर्मनाक है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा महिलाओं के लिए ऐसी बात कही गई है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग करते हुए सीएम हिमंता के इस बयान पर संज्ञान लेने की अपील की है.
अपने एक्स पोस्ट में लांबा ने पूछा है कि क्या यह भाजपा की महिला नीति का हिस्सा है? इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग से इस बयान पर स्वतः संज्ञान ले कर कार्रवाई की मांग की है.
मुख्यमंत्री शर्मा से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा और असम कांग्रेस प्रभारी जीतेंद्र सिंह अलवर ने भी इस बयान के लिए माफी मांगने को कहा है. अलवर ने कहा कि अगर शर्मा ने 1 मई तक माफी नहीं मांगी, तो सभी जिला प्रमुख उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराएंगे.
उन्होंने ने एक्स पर हिमंता को टैग करने हुए पोस्ट लिखा किअसम की महिलाओं को लेकर यहां के सीएम का बयान बेहद निम्न स्तर का है. कांग्रेस की सरकार के समय लाखों महिलाएं सरकारी नौकरियों में आईं, उन महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाना असम की करोड़ों महिलाओं का अपमान है.
