नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर राजनीति न करने का आग्रह किया है, और सरकार को इसमें विपक्ष से खुला समर्थन भी मिला है, ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल ने इस अवसर का उपयोग विपक्ष को निशाना बनाने के लिए किया.
भाजपा ने एक ट्वीट में कहा कि ‘यूपीए शासन की निष्क्रियता के उलट, नए भारत में बेकार की शांति वार्ता के लिए कोई धैर्य नहीं है.’
मालूम हो कि भाजपा का ये पोस्ट ऐसे समय में आया है, जब इस सप्ताह की शुरुआत में मोदी सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों की सरकार को समर्थन देने में उनकी ‘परिपक्वता’ के लिए सराहना की थी.
बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था, ‘ऐसे समय में जब देश बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, राजनीति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.’
ज्ञात हो कि पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ा है. इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने 7 मई को जवाबी कार्रवाई के तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इसके पाकिस्तान की ओर से बाद नियंत्रण रेखा पर ड्रोन घुसपैठ और भारी गोलीबारी हुई है.
पिछले दो दिनों में सेना ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान ने भारत की ‘संपूर्ण पश्चिमी सीमा’ पर हमला करने का प्रयास किया है, जिसमें 8 और 9 मई की मध्य रात्रि को 36 स्थान और 9 और 10 मई की मध्य रात्रि को 26 से अधिक स्थान शामिल हैं.
भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से 9 मई को जारी इस वीडियो में 2005 के दिल्ली विस्फोट, 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले, 2010 के पुणे हमले, 2011 के दिल्ली हमले और 2013 के हैदराबाद हमलों सहित कई आतंकवादी हमलों की तस्वीरें दिखाई गई हैं.
इस वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह को 2006 और 2007 में हुए इन हमलों के बाद शांति वार्ता करते हुए दिखाया गया है और दावा किया गया है कि उस समय ‘कोई प्रतिशोध नहीं हुआ, कोई सबक नहीं सिखाया गया.’
इसके बाद इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को आतंकी हमलों से हुई तबाही के ऊपर दिखाया गया है और कहा गया है: ‘फिर पीएम मोदी आए, आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश के साथ कोई बातचीत नहीं, कोई शांति नहीं. वे हर आतंकवादी को नरक में भेजने के मिशन पर हैं.’
10 मई की सुबह पोस्ट किए गए एक अन्य वीडियो में 2004-2014 के बीच हुए आतंकी हमलों की सूची भी दी गई है, जिसमें दिल्ली विस्फोट (2005), मुंबई ट्रेन विस्फोट और वाराणसी विस्फोट (2006), जयपुर, बेंगलुरु और अहमदाबाद विस्फोट (2008) और उसी साल मुंबई में 26/11 आतंकी हमला शामिल है.
इसके बाद इसमें मनमोहन सिंह को तत्कालिन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत करते हुए दिखाया गया है, इसके बाद पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट (2010) और दिल्ली उच्च न्यायालय विस्फोट (2011) दिखाया गया है और सिंह को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है और कहा गया है, ‘शांति वार्ता, दोहराई गई स्क्रिप्ट’.
इसके बाद पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद बिहार के मधुबनी में मोदी का भाषण दिखाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘आतंकवादियों की बची हुई ज़मीन को नष्ट करने का समय आ गया है’.
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हाल के दिनों में मिसाइलों के उड़ने की तस्वीरें दिखाई गई हैं और मोदी को फ्लाइट सूट में दिखाया गया है, साथ ही रैलियों में उनकी तस्वीरें भी दिखाई गई हैं. वीडियो के अंत में लिखा है, ‘डर के लिए कोई जगह नहीं, सिर्फ़ कार्रवाई.’
हालांकि, इन दोनों वीडियो में सिर्फ यूपीए सरकार के दौरान भारत में हुए आतंकवादी हमलों को दिखाया गया है, लेकिन इसमें 2014 के बाद से मोदी सरकार के तहत हुए आतंकवादी हमलों का कोई उल्लेख नहीं है, जिसमें पठानकोट एयर बेस हमला (2016), उरी हमला (2016), पुलवामा (2019) और 2025 में पहलगाम हमला शामिल है.
भाजपा के हैंडल से पोस्ट किए गए ये दोनों वीडियो मोदी सरकार द्वारा बार-बार यह कहने के बाद आए हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. विपक्षी दलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित सर्वदलीय बैठक में भी अपना समर्थन देने का वादा किया था.
बैठक के बाद रिजिजू ने कहा था, ‘रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज की बैठक से पता चलता है कि हम सिर्फ़ सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करते बल्कि देश बनाने के लिए करते हैं. यह एक परिपक्व लोकतंत्र का प्रदर्शन है.’
उन्होंने आगे कहा था, ‘सभी राजनीतिक दलों का एक स्वर में बोलना बहुत स्वागत योग्य है. चूंकि यह एक सतत अभियान है, इसलिए अलग से कोई ब्रीफिंग नहीं की गई. मैं सभी नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं और जैसा कि हम चाहते थे, उन्होंने अपना समर्थन दिया और यह एक बहुत ही संवेदनशील और उपयोगी बैठक थी.’
