नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है। लेकिन रुझानों को देखते हुए विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता कोरोना के डर को भूलकर जश्न मनाने के लिए सड़कों पर निकल आए हैं। ऐसा ही एक वीडियो तमिलनाडु से सामने आया है, जहां डीएमके के कार्यकर्ता चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाने के लिए इकठ्ठे हो गए हैं।
#WATCH | DMK supporters continue to celebrate outside party headquarters in Chennai as official trends show the party leading on 118 seats so far.
Election Commission of India has banned any victory procession amid the #COVID19 situation in the country.#TamilNaduElections2021 pic.twitter.com/z6Fp5YRnKP
— ANI (@ANI) May 2, 2021
हालांकि चुनाव आयोग इस बारे में सख्त हिदायत दे चुका है कि किसी भी दल के कार्यकर्ता जश्न नहीं मनाएंगे। चुनाव आयोग ये निर्देश फिलहाल हवा होते दिखाई दे रहे हैं।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है। यदि तमिलनाडु की बात करें तो यहां डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) रुझानों में स्पष्ट बहुमत हासिल करती नजर आ रही है। तमिलनाडु में कुल 234 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ था। इनमें से बहुमत के लिए किसी भी दल को 118 सीटों की जरूरत है।
रुझानों के मुताबिक डीएमके रुझानों में यहां 136 सीटों के साथ बहुमत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इस तरह गठबंधन में सहयोगी होने की वजह से कांग्रेस को भी तमिलनाडु से बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है।
इस चुनाव में कांग्रेस के अलावा वाइको के नेतृत्व वाली मारुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम यानी एमडीएमके और राज्य की 8 छोटी पार्टियां डीएमके के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरी थीं। इसके अलावा डीएमके को चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया का भी साथ मिला है।
वहीं, एआईडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) और भाजपा का गठबंधन इन चुनावों में 97 सीटों पर आगे चल रहा है।
तमिलनाडु का ये चुनाव इसलिए भी अहम था क्योंकि पहली बार डीएमके और एआईडीएमके अपने प्रमुख नेताओं के बिना ही चुनावी दंगल में उतरी थीं। बता दें कि 2016 विधानसभा चुनाव के छह महीने बाद ही उस समय की मुख्यमंत्री और एआईडीएमके प्रमुख जे जयललिता की मौत हो गई थी। उसके बाद 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख करुणानिधि की भी मौत हो गई।
इस तरह तमिलनाडु में ये चुनाव डीएमके के एमके स्टालिन और एआईडीएमके के पलानीस्वामी के नाक की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में चुनाव दर चुनाव सत्ता परिवर्तन का चलन रहा है। लेकिन बीते दो चुनावों से एआईडीएमके लगातार जीत हासिल करने में सफल रही है। ऐसे में इस बार डीएमके की जीत की प्रचुर संभावना जताई जा रही थी।