शहडोल। नवागत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन, शहडोल दिनेश चंद्र सागर (भारतीय पुलिस सेवा) ने शहडोल जोन का पदभार बुधवार को संभाल लिया। पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने पहली प्राथमिकता आत्म निर्भरता को दिया है। साथी महिला अपराध को कम करना व सामाजिक स्तर पर पुलिस को निस्वार्थ सेवा करना।
1992 बैच के IPS अफसर डीसी सागर अपनी फिटनेस को लेकर पूरे डिपार्टमेंट के लिए मिसाल बने हुए हैं। डीसी सागर मध्य प्रदेश के नक्सली इलाके बालाघाट रेंज के IG पद पर तैनात रहने के बाद वे अभी ADGP ( टेक्निकल सर्विसेस) पुलिस मुख्यालय हैं। डीसी सागर पुलिस डिपार्टमेंट में सबसे फिट अफसर में आते हैं। उनका मानना है कि सिर्फ नैचुरल तरीके से एक्सरसाइज, रनिंग और सही डाइट लेने से गठीला शरीर और सही फिटनेस पा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जिस इंसान को अपने शरीर से प्यार होता है वो अपने शरीर की केयर करता है। उनके अनुसार, परफेक्ट फिटनेस का मतलब सिर्फ बॉडी बनाना नहीं, बल्कि फिट रहना है। अपने डेली रूटीन में जॉकिंग और एक्सरसाइज करते हैं, साथ ही साथ एक सही डाइट भी फॉलो करते हैं। नवागत ADG फास्ट फूड से हमेशा दूर रहते हैं और नैचुरल खाद्य और पेय पदार्थ जैसे- दूध, दही, पनीर, चने के आटे की रोटी, दाल और ग्रीन सलाद ही लेते हैं। उनका मानना है कि 80 प्रतिशत सही/प्रोटीन युक्त डाइट और 20 प्रतिशत एक्सरसाइज से सही फिटनेस पाई जा सकती है। उनके अनुसार एक्सरसाइज के बाद हल्दी वाला दूध पीना चाहिए और सुबह उठकर फल, पनीर, बादाम और अंकुरित दाल खाना चाहिए।
साइकिल से काम ज्यादा आसान होगा
उन्होंने बताया कि साइकिल के यूज से फिटनेस भी बनती है। इसलिए वे अभी भी वीक में कई बार साइकिल का यूज करते हैं।
ADG सागर नक्सली एरिया में भी जान खतरे में डालकर साइकिल से गश्त करते थे। उनका मानना है कि जिंदगी एक बार मिलती है, तो ड्यूटी मन लगाकर करनी चाहिए।नसागर का मानना है कि साइकिल से गश्त करने से पुलिस वाले बीट में ज्यादा समय बिता सकते हैं, पतली गलियों में आसानी से गश्त कर सकते हैं। इसके साथ ही क्रिमिनल्स को गाड़ी की आवाज सुनकर भागने का मौका नहीं मिलता।
ग्रामीण बच्चों को पढ़ाई के लिए करते हैं प्रेरित
उन्होंने बताया कि जब बालाघाट नक्सल इलाके में पोस्टेड थे, उस समय कम्यूनिटी पुलिसिंग के जरिए उनका स्टॉफ जनता से बात करके उनका विश्वास जीतता था। जब वे चंबल और बालाघाट में पोस्टेड थे, तब वे हमेशा गांव के लोगों से जाकर मिलते थे और उन्हें गवर्नमेंट स्कीम और उनके फायदे के बारे में जानकारी देते थे। नवागत ADG सागर का मानना था कि यदि लोग अपने रास्ते से भटकेंगे नहीं तो वे उनकी मदद से नक्सलवाद को कई हद तक खत्म कर सकेंगे।
पुलिसिंग में LLB का सही यूज करने बने IPS
ADG सागर का जन्म उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में हुआ था। उनके पिता लखनऊ आर्मी में थे और मां हाऊस वाइफ थीं। नवागत ADG स्कूलिंग तमिलनाडू, दिल्ली और जम्मू में हुई। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स के बाद उन्होंने LLB की भी पढ़ाई की। LLB करने का उद्देश्य ये था, कि वे पुलिसिंग में इसका सही तरह से प्रयोग कर सकें और समझ सकें कि किस मुताबिक तरह लॉ का यूज किया जा सकता है। इसके बाद वे 1992 बैच में IPS बने और मसूरी में ट्रेनिंग करने के बाद पहली पोस्टिंग बतौर SDOP नीमच में ज्वाइन की। ADG सागर के मानते हैं कि कर्म ही पूजा नहीं, बल्कि जायज कर्म पूजा है।