- मौलाना सैयद अरशद मदनी और मौला
सहारनपुर के देवबंद के नानौता रोड पर मदरसा जामिया इस्लामिया अख्तरूल मदारिस के नए भवन की संग बुनियाद रखी गई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने मदरसों का महत्व को बताते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति में धार्मिक मदरसों और स्कूलों की स्थापना बेहद आवश्यक हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में देश में इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं का प्रसार करना और लोगों तक सच्ची शिक्षाओं को पहचान हमारा प्राथमिक कर्तव्य है। धार्मिक शिक्षा मजबूत होनी चाहिए दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने शिक्षा के महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कहा कि आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं है। धार्मिक शिक्षा मजबूत होनी चाहिए, इसलिए अपने बच्चों का मदरसों में दाखिला कराएं । उन्होंने कहा कि जिन लोगों की संतानों को अल्लाह ने धर्म का ज्ञान दिया है, वे बहुत भाग्यशाली हैं।
दारुल उलूम मजलिस-ए-शूरा और मदरसा इस्लामिया असगरिया के नाजिम मौलाना सैयद अंजार हुसैन मियां ने कहा कि मदरसे की पुरानी इमारत बहुत कमजोर हो गई थी। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए एक नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान मौलाना अबुल कासिम नोमानी बनारसी, दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम और देवबंद के मजलिस-ए-शूरा के महत्वपूर्ण सदस्य मौलाना सैयद अंजार हुसैन मियां, मौलाना सैयद जमील हुसैन, मदरसा इस्लामिया असगरिया के मोहतमिम, मौलाना सैयद ताजमल हुसैन, नायब मोहतमिम मौलाना मुहम्मद इब्राहिम कासमी, मुफ्ती मुहम्मद वासिफ, मुफ्ती जुल्फिकार, मुहम्मद तैयब, मौलाना शाहिद, सैयद शाहिद, सैयद और आरिफ हुसैन के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।