नई दिल्ली, 10 नवंबर: देश के पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इन पांच राज्यों में से केवल पंजाब को छोड़कर बाकी सभी चार राज्यों में भाजपा की सरकार है और एक बार फिर से सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। इस बीच इन पांचों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। दरअसल त्रिपुरा में नगर निकाय की 112 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं।
नगर निकाय की कुल सीटें हैं 334
आपको बता दें कि त्रिपुरा में नगर निकाय की कुल 334 सीटों के लिए आने वाली 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। दरअसल, सोमवार को प्रत्याशियों के लिए चुनाव से नाम वापसी का आखिरी दिन था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने भाजपा के 112 उम्मीदवारों को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया। 2018 में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा के सामने यह पहला निकाय चुनाव है।
36 उम्मीदवारों ने लिए नाम वापस
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि निकाय चुनाव से सोमवार को अपना नामांकन वापस लेने वाले 36 उम्मीदवारों में से 15 नेता विपक्षी दल सीपीआई (एम) से, चार तृणमूल कांग्रेस से, आठ कांग्रेस से, दो प्रत्याशी एआईएफबी से और 7 निर्दलीय उम्मीदवार थे। अब बची हुई 222 सीटों के लिए कुल 785 उम्मीदवार निकाय चुनाव के मैदान में हैं।

किन किन सीटों पर हो रहा है चुनाव
गौरतलब है कि त्रिपुरा के स्थानीय निकाय चुनाव में अगरतला नगर निगम के 51 वार्ड, नगर परिषद की 13 सीटें और नगर पंचायत की 6 सीटों सहित कुल मिलाकर 334 सीटें हैं। इनमें से सात नगर निकायों- अंबासा नगर परिषद, जिरानिया नगर पंचायत, मोहनपुर नगर परिषद, रानीबाजार नगर परिषद, बिशालगढ़ नगर परिषद, उदयपुर नगर परिषद और संतिरबाजार नगर परिषद में विपक्ष का कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए सामने नहीं आया है।

प्रत्याशियों को डराने-धमकाने का आरोप
वहीं, सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी ने भाजपा के ऊपर उनके प्रत्याशियों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। जितेंद्र चौधरी ने कहा, ‘हमारे प्रत्याशियों को धमकी दी जा रही थी और गुंडों को भारतीय जनता पार्टी का पूरा समर्थन मिला हुआ है। निकाय चुनाव की घोषणा से काफी पहले ही राज्य में हिंसा शुरू हो गई थी और हमारे उम्मीदवारों के ऊपर हमले किए गए।’

‘राज्य में पूरी तरह से आतंक का माहौल’
जितेंद्र चौधरी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘गुडों की मदद से भाजपा लोगों को डरा रही है, जिसकी वजह से पांच नगर परिषदों और दो नगर पंचायतों में हमारे उम्मीदवार अपना नामांकन ही दाखिल नहीं कर पाए। राज्य में पूरी तरह से आतंक का माहौल है।’ वहीं, त्रिपुरा में अपने लिए सियासी जमीन तलाश रही टीएमसी ने भी पहले बयान दिया था कि वो निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी।