October 18, 2024 2:48 pm

लेटेस्ट न्यूज़

छत्तीसगढ़ के कटघोरा वन मंडल में स्टॉप डेम निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा, शासकीय राशि का गबन

अब्दुल सलाम क़ादरी-प्रधान संपादक

कोरबा। कटघोरा वन मंडल में भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। दूरस्थ और निगरानी से वंचित इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों की लंबी फेहरिस्त बनती जा रही है, जहां वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बेखौफ होकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। स्टॉप डेम के नाम पर लाखों रुपए की हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है।


यह मामला तब उभर कर आया जब पूर्व सरकार में स्वीकृत हुए स्टॉप डेम के लिए अब पुनरीक्षित दर से राशि की मांग की गई। हैरानी की बात यह है कि कुछ ऐसे स्टॉप डेम के लिए भी धन की मांग की गई है, जिनकी स्वीकृति ही नहीं मिली थी। मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), बिलासपुर वन वृत्त ने इस गड़बड़ी को पकड़ते हुए कटघोरा वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) से इस पर सवाल उठाए हैं और जवाब तलब किया है।

पसान रेंज का चर्चित घोटाला
पसान वन परिक्षेत्र, जो पहले भी पौधारोपण और स्टॉप डेम निर्माण में गड़बड़ियों को लेकर सुर्खियों में रहा है, एक बार फिर से भ्रष्टाचार के मामलों में घिर गया है। यहां कैम्पा मद के तहत वर्ष 2018-19 में स्वीकृत स्टॉप डेम अब तक विवादों में घिरे हुए हैं और पूरा नहीं हो पाए हैं। हाल ही में इन स्टॉप डेमों के लिए पुनरीक्षित दर से लाखों रुपए की मांग की गई है, जिससे संदेह बढ़ गया है कि कहीं एक बार फिर से सरकारी धन का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा।

उच्च अधिकारियों द्वारा उठाए गए सवाल
मुख्य वन संरक्षक ने इस मामले में डीएफओ से कई अहम सवाल पूछे हैं, जिनसे साफ होता है कि वन विभाग में भारी अनियमितताएं चल रही हैं। सवालों में पूर्व और वर्तमान प्राक्कलन में अंतर, पहले व्यय की गई राशि का हिसाब-किताब और स्टॉप डेम की डिज़ाइन में किए गए बदलाव शामिल हैं।

इसके साथ ही यह सवाल भी उठाया गया है कि जिन डेमों की स्वीकृति ही नहीं मिली थी, उनके लिए धन की मांग किस आधार पर की गई है। अधिकारी ने यह भी पूछा है कि अगर पहले गलत प्राक्कलन तैयार किया गया था, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्रवाई की जाएगी।

भ्रष्टाचार का खुलासा, लेकिन कार्रवाई का इंतजार
यह स्पष्ट है कि स्टॉप डेम के नाम पर सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हो रही है। वन विभाग के अधिकारी पहले भी ऐसे मामलों में घिरे रहे हैं, लेकिन उन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। अब इस मामले में क्या दोषियों पर एफआईआर दर्ज होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

सरकारी धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाती है या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा।

लोगों में आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग
कटघोरा वन मंडल के इस भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। लोग अब दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं के नाम पर इस तरह के घोटाले लोगों के विश्वास को हिला रहे हैं और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

Leave a Comment

Advertisement
  • AI Tools Indexer
  • Market Mystique
  • Buzz4ai