- रायपुर में चल रही है ‘गुड गवर्नेंस‘ पर दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस
- देश के विभिन्न राज्यों के 150 प्रतिनिधि ले रहे भाग
भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार के संयुक्त तत्वाधान में नवा रायपुर में ‘‘गुड गवर्नेंस‘‘ पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आज से शुरू हुआ। इस सम्मेलन में गुड गवर्नेंस की बेस्ट कामकाज और नागरिक सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विभिन्न ई-प्लेटफार्म के उपयोग आदि से संबंधित विषयों पर हुए विचार-विमर्श के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सुशासन के लिए जनभागीदारी जरूरी है। इसके जरिए कठिन से कठिन चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यो से आए 150 प्रतिनिधि सहित छत्तीसगढ़ राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन के तीसरे सत्र ‘‘जिलों का समग्र विकास‘‘ विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक ने की। इस सत्र में वक्ता के रूप में सहायक आयुक्त वेस्ट गारो हिल श्री चैतन्य हिल श्री चैतन्य अवस्थी, सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, कलेक्टर पठानकोट श्री आदित्य उप्पल ने अपने विचार साझा किए। श्री चैतन्य अवस्थी ने कहा कि उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति के कारण अधिक चुनौतियां होती हैं, जिनसे निपटने के लिए हमने जनभागीदारी और सशक्तिकरण, प्रतिस्पर्धा और तकनीक का उपयोग किया है। इससे जिले की उपलब्धियां पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुनी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना के लिए बैंकों को रजिस्ट्रेशन डेस्क के रूप में उपयोग किया गया। पश्चिम गारो में उज्ज्वला, स्वनिधि, मुद्रा और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजनाओं के 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए गए।
कलेक्टर श्री ए. श्याम प्रसाद ने पारवथीपुरम मन्यम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रिज्म-10 योजना की जानकारी दी। जिले के दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए डोली सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर श्री आदित्य उप्पल ने कहा कि नागरिक केंद्रित सुशासन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने ‘सरकार आपके द्वार‘ कार्यक्रम शुरू किया है, इसके जरिए गांवों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने और शिकायतों के निवारण पर मदद मिली है।
सुकमा कलेक्टर श्री देवेश ध्रुव ने जिले की कठिन भौगोलिक स्थिति और माओवाद आतंक की चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा कि सुरक्षा के बिना विकास के काम को अंजाम देना कठिन है। इसलिए सुरक्षा कैंपों की स्थापना प्रमुखता से की जानी चाहिए। जिले में सुविधा शिविरों का आयोजन कर लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिले में बंद पड़े 123 स्कलों को फिर से खोला गया है और विशेष जरूरतमंद बच्चों के लिए आकार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।