योगी के लखनऊ का मामला
कई बार इलाज ना मिलने के अभाव में मरीज की मौत हो जाती है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है। यहां एक मरीज अस्पताल में डॉक्टरों के सामने मिन्नतें करता रहा लेकिन उसे वेंटिलेटर नहीं मिला।
इसकी वजह से मरीज की मौत हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना लखनऊ के केजीएमयू में लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग की बताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मरीज को इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि जिंदगी और मौत से लड़ रहा मरीज डॉक्टरों से हाथ जोड़कर विनती कर रहा है। लेकिन इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।
वेंटिलेटर नहीं मिला खाली:
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीज हाथ जोड़कर खुद डॉक्टरों से ईलाज की भीख मांगी। लेकिन फिर भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और वेंटिलेटर ना मिलने से मरीज की मौत हो गई है। वहीं मरीज की मौत के बाद तीमारदारों ने आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया है। इस मामले में केजीएमयू अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज को हार्ट फेल होने के बाद लारी लाया गया था। उनको वेंटिलेटर की जरूरत थी लेकिन वेंटिलेटर खाली ना होने के कारण उन्हें रेफर कर दिया था।
2018 से चल रहा था हार्ट का इलाज:
लखनऊ के दुबग्गा निवासी सैफ का कहना है कि पिता अबरार अहमद का साल 2018 से हार्ट का इलाज केजीएमयू के लारी डिपार्टमेंट से चल रहा है। रविवार को देर रात उनके सीने में तेज दर्द हुआ। इसके बाद अबरार अहमद अपने भाई के साथ लारी आ गए थे। जहां उनका इलाज किया। डॉक्टरों ने कई इंजेक्शन भी लगाए गए। वहीं मरीज के परिजनों का कहना है कि उसके बाद ही अबरार के नाक और मुंह से खून निकलने लगा था। बेटे सैफ का कहना है कि उनके पिता ने हाथ जोड़कर डॉक्टरों से गुहार लगाई थी लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। उल्टे डॉक्टर बोले कि ज्यादा शोर कर रहे हो इनको नहीं देखेंगे। अब पीड़ित अबरार अहमद का गुहार लगाते वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में परिजन भी डॉक्टरों से गुहार लगा रहे हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल:
इस मामले में यूपी कांग्रेस ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। यूपी कांग्रेस का कहना है कि आप समझ सकते हैं कि इस व्यक्ति की मौत का जिम्मेदार किसे माना जाना चाहिए? उत्तर प्रदेश की बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था रोज किसी न किसी की जान ले ले रही है पर जनता के जवाब देने वाला कोई नहीं है। वहीं घटना को लेकर केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि मरीज की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। साथ ही जरूरी जांच भी कराई गई थी। उन्होंने बताया कि मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने जरूरी दवाई भी दी थी। हार्टफेल होने से उनकी हालत गंभीर थी। जिसके चलते डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई थी। क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन लेने में भी दिक्कत हो रही थी। लेकिन आईसीयू और वेंटिलेटर के बेड फुल थे। इसलिए उन्हें पीजीआई व लोहिया अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दी गई थी। उन्हें एम्बुलेंस की भी व्यवस्था कराई गई थी। लेकिन सारे प्रयास के बाद भी मरीज की जान नहीं बचा जा सका है।