February 6, 2025 12:18 am

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला तेज, दिल्ली तक बिठा रहे जुगाड़

भोपाल: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ दिलचस्प होने वाली है। क्योंकि जिला अध्यक्षों के लिए पहले से ही खींचतान चल रही है। इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी समीकरण बन रहे हैं। कई बड़े नेताओं के नाम दौड़ में हैं। इस पद का इतिहास बताता है कि 1980 से अब तक मालवा क्षेत्र से नेता छह बार अध्यक्ष बन चुके हैं। इनमें सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, विक्रम वर्मा जैसे नेता शामिल हैं। 

भोपाल से दिल्ली तक बन रहे समीकरण 

ग्वालियर-चंबल के नेताओं को चार बार मौका मिला। नरेंद्र सिंह तोमर दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसी तरह शिवराज सिंह महाकौशल से दो बार और मध्य क्षेत्र से एक बार प्रदेश अध्यक्ष रहे। हालांकि बुंदेलखंड और विंध्य के नेताओं की किस्मत उनका साथ नहीं दे रही है। इसका नतीजा यह है कि इस क्षेत्र के नेताओं की प्रदेश अध्यक्ष बनने की हसरत अब तक अधूरी रह गई है। इसीलिए जब भी मध्य प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ शुरू होती है तो विंध्य और बुंदेलखंड के नेता दबी जुबान में कहते रहते हैं कि हमारी बारी कब आएगी। इस बार नियुक्ति के लिए कौन सी रणनीति अपनाई जाएगी, इसके लिए भोपाल से दिल्ली तक समीकरण बनाए जा रहे हैं।

अविभाजित मप्र में इन्हें मिला था मौका

1980 के बाद ऐसा दो बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ से भाजपा नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला है। रायगढ़ के लक्खीराम अग्रवाल 1990 से 1994 तक और नंदकुमार राय 1997 से 2000 तक अध्यक्ष रहे। वीडी का रिकॉर्ड: मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा लगातार 58 महीने तक पद पर रहे हैं। इससे पहले पटवा 12 जनवरी 1986 से 8 मार्च 1990 तक अपने दूसरे कार्यकाल में 50 महीने तक अध्यक्ष रहे थे।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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