February 5, 2025 10:30 pm

लेटेस्ट न्यूज़

जीआईएस से पहले एमएसएमई की नई पॉलिसी से प्रदेश के उद्योग परिदृश्य को मिलेगी नई उड़ान : मंत्री काश्यप

भोपाल : सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने उद्योग संघों के प्रतिनिनिधों से कहा है कि प्रदेश सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नई एमएसएमई (MSME) पॉलिसी के साथ ही भूमि आवंटन नियम और प्रोत्साहन की ऐसी पॉलिसी लाएगी जिससे मध्यप्रदेश में स्थानीय उद्यमिता का विकास विदेशी निवेशकों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिये आकर्षित करने के साथ सर्वाधिक रोजगार सृजन वाले प्रदेश के रूप में उभरे।

मंत्री काश्यप गुरुवार को मंत्रालय में उद्योग संघों के पदाधिकारियों से एमएसएमई की प्रचलित पॉलिसी पर चर्चा और सुझाव संगोष्ठी में संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह, सचिव सुप्रियंका दास और उद्योग आयुक्त दिलीप कुमार भी उपस्थित थे।

मंत्री काश्यप ने कहा कि उद्योग प्रतिनिधियों से प्राप्त सुझाव को नई पॉलिसी में शामिल करने से का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार नये औघोगिक क्षेत्रों के विकास और निर्यात संवर्धन पर मजबूत पहल करेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि एमएसएमई में प्रोत्साहन के लिये और भी अधिक पारदर्शी नीति बनाई जाएगी और स्टार्ट-अप के साथ क्लस्टर के विकास का नया ईको-सिस्टम बनेगा। यह नव उदमियों, अनुसूचित जाति, जनजातीय और महिलाओं की इकाईयों के लिए मददगार होगा।

एमएसएमई मंत्री ने कहा कि वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ऐसी पॉलिसी बनाई जा रही है, जिससे स्थानीय स्तर पर निवेश और उद्योग का विकास हो सके। उन्होंने ने कहा कि संभाग स्तर पर हो रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्कलेव के अच्छे परिणाम परिलक्षित हुए हैं। इससे नजदीकी जिलों के उद्योगपतियों के सहभागिता से निवेश और रोजगार की संभावनाएं बनी है।

मंत्री काश्यप ने कहा कि अलगे सप्ताह निर्यात को बढ़ाने के लिए एक वृहद कार्यशाला होगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्थापित किए गए निवेश सेंटर वन, स्टॉप सेंटर के रूप में उद्योगपतियों से निरंतर संवाद स्थापित करेगी। मंत्री काश्यप कहा कि कलेक्टर्स इस समिति को लीड करेंगे।

मंत्री काश्यप ने बताया कि एमएसएमई की प्रोत्साहन सब्सिडी को बढ़ाकर 700 से 1100 करोड़ रूपए कर दिया गया है। उद्योग परिसंघों ने सरकार की इस पहल पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिसमें पॉलिसी और नीतियों के साथ उद्योगपतियों का एक ही जगह डाटा संग्रहित होगा। उद्योग संघों के प्रतिनिधियों को प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने भी आश्वस्त किया कि नई पॉलिसी में उद्योगों के बेहतर विकास की नीति अपनाई जाएगी।

संवाद में एमएसएमई विकास नीति के संबंध में मुख्य रूप से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ट्रांसपोर्ट अनुदान, नवकरणीय ऊर्जा मुख्यत: सोलर प्लांट को सहायता, जेड प्रमाणन को बढ़ावा देने, इंडस्ट्रियल अवशिष्ट के लिए सहायता एवं टेस्टिंग लैब को बढ़ावा देने के सुझाव प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए। औघोगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने दोहरे कराधान को समाप्त करने, भूखंड हस्तानांतरण नीति को सरल किए जाने, महिला उद्मियों द्वारा संचालित व्यवसायों को अधोसंरचना प्रदान करने, बड़े शहरों के साथ सभी जिलों में एमएसएमई के लिए नए औदयोगिक क्षेत्र विकसित करने, प्रोत्साहन नीति में डाइ मोल्ड एंड फिक्चर क्षेत्र को शामिल करने, बड़े शहरों में बहुमंजिला औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण तथा वर्तमान उद्योगों की उत्पादन लागत कम करने गुणवत्ता बढ़ाने नवीन तकनीक एवं के प्रयोग एवं आधुनिकीकरण पर अतिरिक्त अनुदान प्रदान करने जैसे सुझाव दिए।

इस अवसर पर लघु उद्योग भारती गोविंदपुरा इंडस्ड्री, एसोसियेशन फिक्की, दलित इण्डियन चेम्बर ऑफ कामर्स (डिक्की), सी.आई.आई., एमडी सुव्रत इण्डस्ट्रीयल सिस्टम, पीएचडीसीसीआई एसोचेम, मण्डीदीप इण्ड, एसोसियेशन, एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज इन्दौर, अवंतिका उद्योग संघ उज्जैन, एमआईएमपी उज्जैन, मावे जबलपुर एवं बगरोदा औद्योगिक संघ भोपाल के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

Advertisement