June 1, 2025 5:12 am

अहमदाबाद में 8 हजार घर दमींदोज, ओवैसी ने सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

गुजरात के अहमदाबाद में चंदोला झील क्षेत्र में हाल ही में हुई बुलडोजर कार्रवाई ने न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन को प्रभावित किया है…… बल्कि राजनीतिक हलकों में भी बड़े विवाद को जन्म दिया है…… ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस कार्रवाई के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है….. जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं…… ओवैसी ने दावा किया कि इस कार्रवाई में 4,000 से 8,000 घरों और झोपड़ियों को तोड़ा गया…… जिनमें अधिकांश मुस्लिम परिवार रहते थे…… और इसे “बांग्लादेशी घुसपैठियों” के खिलाफ कार्रवाई के रूप में प्रस्तुत किया गया…… औवैसी के अनुसार यह कार्रवाई न केवल अनुचित थी….. बल्कि यह भी दर्शाती है कि बीजेपी सरकार ने पिछले 25 वर्षों में इस क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को रोकने में विफल रही है……

चंदोला झील अहमदाबाद के दक्षिणी छोर पर स्थित…… 109.6 हेक्टेयर में फैली एक ऐतिहासिक जलाशय है…… जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में खारी नदी के पानी को संग्रहित करने और आसपास के खेतों की सिंचाई के लिए किया गया था…… यह झील शहर के तीन प्रमुख जलाशयों में से एक है…… लेकिन इसे अक्सर कम प्रलेखित और उपेक्षित माना जाता है…… पिछले कुछ दशकों में, इस झील के किनारे बस्तियां विकसित हुईं…… जिनमें से कई को अवैध माना जाता है…… इन बस्तियों में मुख्य रूप से गरीब और मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं….. जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय शामिल हैं….

हालांकि हाल के वर्षों में चंदोला झील क्षेत्र को “बांग्लादेशी घुसपैठियों” का अड्डा बताकर बार-बार निशाना बनाया गया है…… अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस ने समय-समय पर इस क्षेत्र में छापेमारी…… और तोड़फोड़ की कार्रवाई की है…… अक्टूबर 2024 में अहमदाबाद सिटी पुलिस की डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच ने 48 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया….. और उन्हें “निर्वासित” करने का दावा किया…… फरवरी 2025 में 16 और लोगों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की गई……

29 अप्रैल 2025 को एएमसी ने चंदोला झील के आसपास एक बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान शुरू किया…… इस अभियान में 74 बुलडोजर और 200 ट्रकों का उपयोग करके 1.5 लाख वर्ग मीटर भूमि को “साफ” किया गया……. जो मूल लक्ष्य 1.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक था….. एएमसी के अनुसार इस कार्रवाई में लगभग 4,000 संरचनाएं…… जिनमें घर और दुकानें शामिल थीं……. ध्वस्त की गईं……. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों का दावा है कि वास्तव में 7,000 से 8,000 घरों को नष्ट किया गया……

वहीं इस अभियान से पहले पुलिस ने 6,500 लोगों को हिरासत में लिया था…… जिनमें से अधिकांश मुस्लिम थे……. और उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिए होने का संदेह था…… हालांकि, पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि केवल 450 लोग ही बांग्लादेशी नागरिक थे……. जबकि बाकियों को भारतीय नागरिक होने के कारण रिहा कर दिया गया……. इस तथ्य ने इस कार्रवाई की वैधता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं……. क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों के घरों को भी नष्ट कर दिया गया…….

आपको बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस कार्रवाई को “अन्यायपूर्ण” और “गरीब-विरोधी” करार दिया….. और उन्होंने अपने बयान में कहा कि चंदोला, अहमदाबाद में बांग्लादेशी बताकर गरीबों के घर तोड़ना ठीक नहीं है…… आखिर ये ग़रीब कहां जाएंगे…… ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर पिछले 25 वर्षों से गुजरात में शासन करने के बावजूद अवैध प्रवासियों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया….. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले लोगों को हिरासत में लिया…… फिर आधे से अधिक को भारतीय नागरिक बताकर रिहा कर दिया….. लेकिन फिर भी हजारों घरों को ध्वस्त कर दिया…..

ओवैसी ने बीजेपी सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है….. जो बीजेपी सरकार की नाकामी को बयां कर रहा है…. आपको बता दें कि ओवैसी ने इस कार्रवाई को न केवल गरीबों के खिलाफ…… बल्कि एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश के रूप में देखा…… और उन्होंने दावा किया कि चंदोला में हिंदू और मुस्लिम समुदाय पिछले 30 वर्षों से मिलजुलकर रह रहे थे…….. और इस तरह की कार्रवाई सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है…… औवैसी के अनुसार सरकार का यह दावा कि सभी ध्वस्त संरचनाएं अवैध थीं…… और बांग्लादेशी घुसपैठियों की थीं…… पूरी तरह से सत्य नहीं है……

वहीं इस बुलडोजर कार्रवाई ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं…… पहला क्या यह कार्रवाई वास्तव में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए थी…… या इसका उद्देश्य किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना था….. दूसरा यदि सरकार को अवैध बस्तियों की जानकारी थी…… तो पिछले 25 वर्षों में उसने इस समस्या को हल करने के लिए क्या कदम उठाए….. तीसरा जिन लोगों के घर तोड़े गए…… उनके पुनर्वास की क्या योजना है…… वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को “अवैध” और “अनैतिक” बताया है…… जानकारी के अनुसार भारतीय नागरिकों को हिरासत में लेना…… और फिर उनके घरों को तोड़ना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है…… बल्कि यह सरकार की असंवेदनशीलता को भी दर्शाता है…… इसके अलावा यह तथ्य कि अहमदाबाद की 171 झीलों में से 37 अभी भी अतिक्रमण के अधीन हैं……. यह सवाल उठाता है कि सरकार ने केवल चंदोला झील को ही क्यों निशाना बनाया…..

वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से ओवैसी का यह बयान बीजेपी के खिलाफ एक तीखा हमला है…… और उन्होंने न केवल गुजरात सरकार…… बल्कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर भी निशाना साधा…… ओवैसी ने पहले भी बीजेपी की नीतियों……. विशेष रूप से वक्फ संशोधन विधेयक और बुलडोजर कार्रवाइयों को लेकर आलोचना की है…….. दूसरी ओर गुजरात सरकार और एएमसी ने दावा किया है कि….. यह कार्रवाई झील के संरक्षण और अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए आवश्यक थी…… चंदोला झील के किनारे बनी बस्तियों ने न केवल जलाशय को नुकसान पहुंचाया…… बल्कि पर्यावरणीय और कानूनी समस्याएं भी पैदा की…… सरकार ने यह भी दावा किया कि इस क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की मौजूदगी थी……. जिन्हें पहचानने और हटाने के लिए यह कार्रवाई की गई……

हालांकि, सरकार ने उन लोगों के पुनर्वास के बारे में कोई स्पष्ट योजना नहीं बताई…. जिनके घर तोड़े गए…… यह तथ्य कि अधिकांश हिरासत में लिए गए लोग भारतीय नागरिक साबित हुए…….. सरकार के दावों पर सवाल उठाता है…… इसके अलावा यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है…… जब बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ भारत में प्रदर्शन किए……. जिससे इस कार्रवाई को राजनीतिक रंग देने की आशंका बढ़ गई है……

आपको बता दें कि चंदोला झील में हुई बुलडोजर कार्रवाई एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है…… जो न केवल कानूनी और प्रशासनिक, बल्कि सामाजिक….. और राजनीतिक आयामों को भी उजागर करता है…… असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना ने इस कार्रवाई को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है……. उनकी बातों में दम है कि यदि सरकार 25 वर्षों से सत्ता में है….. तो अवैध प्रवास और अतिक्रमण को रोकने में उसकी विफलता सवालों के घेरे में है….. साथ ही हजारों गरीब परिवारों के विस्थापन…… और उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता एक गंभीर मानवीय संकट को दर्शाती है……

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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