July 27, 2024 1:11 pm

लेटेस्ट न्यूज़

सांची का स्तूप ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का एक भव्य बौद्ध स्मारक की एक झलक

सांची का स्तूप ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का एक भव्य बौद्ध स्मारक है। इसके संरक्षण में भोपाल की बेगमों, खासकर शाहजहाँ बेगम और सुल्तान जहान बेगम का अहम योगदान रहा है।

“इतिहासकार विलियम पिंच अपनी किताब “द भोपाल बेगम्स एंड द मेकिंग ऑफ मॉडर्न भोपाल” में लिखते हैं” कि 1816 से 1837 तक शासन करने वाली शाहजहाँ बेगम सांची स्तूप के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व से काफी प्रभावित थीं। उन्होंने स्तूप की खस्ताहालत देखकर इसकी मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम शुरू करवाया। इसमें इमारत की मजबूती और उसकी नक्काशी और मूर्तियों की देखभाल शामिल थी।

इसी तरह, सीमा मिश्रा अपनी किताब “द बेगम्स ऑफ भोपाल: एजेंट्स ऑफ चेंज” में बताती हैं” कि 1844 से 1868 तक राज करने वाली सुल्तान जहान बेगम ने न सिर्फ जीर्णोद्धार का काम जारी रखा, बल्कि उन्होंने लोगों में सांची स्तूप के बारे में जागरूकता बढ़ाने और वहां तक लोगों की पहुंच आसान बनाने के लिए भी कदम उठाए। उन्होंने स्तूप के पास एक संग्रहालय बनवाने में भी मदद की, जहां स्तूप के इतिहास और महत्व को दर्शाती कलाकृतियां और जानकारी मौजूद हैं।
#इतिहास_की_एक_झलक

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

Leave a Comment

नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने नक्सल क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों पर बड़ा आरोप लगा दिया। महंत ने कहा कि, पुलिस वाले भरमार बंदूक ले जाकर आम लोगों के सामने रख देते हैं, और उन्हें नक्सली बताकर मार देते हैं।

Read More »
Advertisement