September 17, 2024 1:13 am

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चीन में भगदड़… इस साल देश छोड़कर भागने वाले हैं 15200 अमीर, दुश्मन देश ठिकाना!

करीब दो दशक तक ग्लोबल इकोनॉमी का इंजन बने रहे चीन में अब हालात तेजी से बदल रहे हैं. चीन की इकोनॉमी कई मोर्चों पर संघर्ष करने को मजबूर है और फिच ने भी आशंका जताई है कि अगले साल ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार घटाने में अमेरिका और चीन का सबसे बड़ा हाथ रहेगा.

यानी आने वाले समय में भी चीन में स्थितियां बदलने के आसार नहीं हैं. 

फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में वैश्विक विकास दर इस साल के 2.6 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.4 परसेंट हो सकती है जबकि भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 कर दिया गया है. ग्लोबल इकोनॉमी में इस गिरावट की वजह अगर अमेरिका और चीन होंगे तो फिर वहां के रईसों में भी भरोसा घटेगा जिसकी बानगी एक रिपोर्ट से मिल रही है, जिसमें दावा किया गया है कि इस साल 15 हजार 200 अमीर चीन छोड़ सकते हैं. पिछले साल 13 हजार 800 अमीरों ने चीन को अलविदा कहा था. इसमें वो रईस शामिल हैं जिनकी नेटवर्थ दस लाख डॉलर से ज्यादा है.

US-जापान-सिंगापुर में बसेंगे चीन के रईस!

इस साल चीन छोड़ने वाले अमीरों की संख्या बढ़ने की वजह है कि वहां पर इकोनॉमी को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है. अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ तनाव लगातार बढ़ रहा है. इनवेस्टमेंट माइग्रेशन फर्म Henley & Partners की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन छोड़ने वाले ज्यादातर लोगों का नया बसेरा अमेरिका है. इसके साथ ही चीन के रईस और मिडिल क्लास लोगों ने जापान के बारे में पूछताछ बढ़ा दी है क्योंकि वहां की जीवनशैली बेहतरीन मानी जाती है और ये दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में शामिल है. परंपरागत रूप से चीन के अमीर सिंगापुर जाना पसंद करते हैं क्योंकि वहां की संस्कृति चीन से मिलती है और चीन की भाषा बोली जाती है. लेकिन हाल के बरसों में सिंगापुर ने चीन से आ रहे लोगों की जांच-पड़ताल बढ़ा दी है.

रियल एस्टेट संकट से चीन पस्त

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये तो बताना मुश्किल है कि चीन से जाने वाले लोग अपने साथ कितना पैसा ले गए हैं. लेकिन पिछले साल देश छोड़ने वाले अमीरों की नेटवर्थ तीन करोड़ से एक अरब डॉलर के बीच होने का अनुमान है. चीन की इकोनॉमी पहले से ही संघर्ष कर रही है और इतनी बड़ी संख्या में अमीरों के देश छोड़कर जाने से इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ने का खतरा है. चीन का संकट अमीरों के जाने से गहराने की आशंका इसलिए है क्योंकि वहां की GDP में 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले रियल एस्टेट सेक्टर कई साल से गहरे संकट में है जो इकोनॉमी के डूबने का खतरा बढ़ा रहा है.

चीन की स्थानीय सरकारें बुरी तरह कर्ज में डूबी हैं. पिछले साल IMF ने भी कहा था कि रियल एस्टेट संकट की वजह से चीन में अनिश्चितता की स्थिति है. फिच रेटिंग्स ने अप्रैल में चीन का सॉवरेन क्रेडिट आउटलुक निगेटिव कर दिया था और 2023 में मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने भी ऐसा ही कदम उठाया था.

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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