अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए आकस्मिक अवकाश लेने वाले जिला शिक्षा विभाग के दस कर्मियों के विदेश पहुंचने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया में नेपाल से तस्वीरें वायरल होने के बाद डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने मामले को गंभीरता से लेते जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
वहीं इन कर्मियों को जांच रिपोर्ट के आने तक दफ्तर से भी हटा दिया गया है। जिला शिक्षा विभाग के दस लिपिक वर्ग कर्मियों के एक साथ विदेश प्रवास पर जाने से दफ्तर का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि, दस में से पांच कर्मचारियों ने जिला शिक्षा विभाग से अयोध्या जाने के लिए आकस्मिक अवकाश लिया था। उनके आवेदनों में अयोध्या प्रवास की जानकारी दी गई है, लेकिन सभी कर्मचारी अयोध्या की बजाय बिना अनुमति के ही विदेश प्रवास पर चले गए। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब कर्मियों ने सोशल मीडिया में नेपाल की तस्वीरें अपलोड की। बताया जाता है कि कुछ संगठनों ने इस मामले की शिकायतें प्रशासन से की है। संगठनों का कहना है कि सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के विदेश प्रवास पर नहीं जा सकते हैं। संगठनों ने इस मामले में दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
दो सदस्यीय जांच कमेटी
दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जांच कमेटी में विकासखंड शिक्षा अधिकारी घनीराम देवांगन और स्टेट स्कूल के प्राचार्य श्री पट्टा को शामिल किया गया है।