(सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुबंध (आउटसोर्स) के जरिए विभिन्न पदों पर भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए इसे ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक अखबार में प्रकाशित कथित विज्ञापन की कतरन संलग्न करते हुए कहा, ”बेहतर होगा कि बीजेपी पूरी की पूरी सरकार ही ‘आउटसोर्स’ कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन एक साथ ‘सेट’ हो जाए। ऐसा करने से बीजेपी को ‘फुटकर’ में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को खत्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, ”हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं-नौकरी बीजेपी के एजेंडे में है ही नहीं।”
सपा प्रमुख ने कहा, ”आउटसोर्सिंग पीडीए के खिलाफ एक आर्थिक साजिश है। बीजेपी इस प्रस्ताव को तत्काल वापस ले और नौकरी-आरक्षण का संवैधानिक हक न छीने। घोर आपत्तिजनक, घोर निंदनीय। पीडीए कहे आज का, नहीं चाहिए बीजेपी!”
यादव ने इस टिप्पणी के साथ एक अखबार में प्रकाशित गोरखपुर नगर निगम के 18 नवंबर को जारी एक कथित विज्ञापन की कतरन संलग्न की है जिसमें अनुबंध के जरिए नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक के एक-एक और लेखपाल के पांच पदों पर भर्ती की बात कही गई है।