वायनाड। प्रियंका गांधी सांसद बनने के बाद शनिवार को पहली बार केरल के वायनाड पहुंची। उनके साथ राहुल गांधी भी थे। राहुल ने यहां रैली को संबोधित करते हुए एक बार फिर अडाणी का मुद्दा उठाया। राहुल ने कहा कि संविधान कहता है कि सभी लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि अडाणी के साथ हर दूसरे भारतीय से अलग व्यवहार किया जाएगा। प्रधानमंत्री कहते हैं कि भले अमेरिका में केस चले, भारत में हम उन पर केस दर्ज नहीं करेंगे।
राहुल के अलावा प्रियंका ने भी रैली को संबोधित किया। प्रियंका ने मलप्पुरम में भी रैली की। वहां उन्होंनें कहा- पिछले एक हफ्ते से संसद नहीं चल रही है क्योंकि वे (केंद्र सरकार) कुछ मुद्दों पर चर्चा करने से भी डरते हैं। वे इस देश की सारी शक्ति और संसाधन अपने दोस्तों को देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद में सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि उससे भी बढक़र हम वायनाड के लोगों के दिलों की भावनाओं को वहां रखते हैं। वायनाड के लोगों ने हम पर भरोसा किया है और माना है कि हम भारत की संसद में उनकी भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब मैं वायनाड में किसी बच्चे को देखता हूँ, तो मुझे याद आता है कि उसके माता-पिता ने मुझे लोकसभा में भेजा है, और उनकी देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है। अगर मैं उनके चेहरों पर मुस्कान ला सकता हूँ, तो मुझे तुरंत ऐसा करना चाहिए।
सरकार पर दबाव जरूर बनाएंगे
राहुल गांधी ने कहा कि मैं मुंडक्कई और चूरलमाला के पीडि़तों को श्रद्धांजलि देकर अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। हम सभी उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों, संपत्ति को खो दिया है और जो पीडि़त हैं। जब मैं यहां आ रहा था, तो हम इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि हम उन लोगों के लिए क्या कर सकते हैं जो वायनाड लैंडस्लाइड के पीडि़त हैं। दुर्भाग्य से, चूंकि हम सरकार में नहीं हैं, इसलिए हम सत्तारूढ़ सरकार के समान कार्रवाई नहीं कर सकते। इसलिए, कांग्रेस पार्टी और यूडीएफ के प्रत्येक सदस्य को पीडि़तों की मदद के लिए सरकार पर दबाव डालना चाहिए।