बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक 9 वर्षीय दलित नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार……. और चाकू से हमले की दिल दहलाने वाली घटना ने….. न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है……. बल्कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार……. और उनके सहयोगी भारतीय जनता पार्टी शासन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं……. इस घटना में बच्ची को 26 मई 2025 को बलात्कार के बाद चाकू से 20 से अधिक बार गोदा गया…….. जिसके बाद उसे गंभीर हालत में पहले मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में और फिर पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में भर्ती किया गया……… लेकिन इलाज में घोर लापरवाही और देरी के कारण 31 मई 2025 को बच्ची ने दम तोड़ दिया……. इस घटना ने न केवल सामाजिक और मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया है……. बल्कि बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन की नाकामी को भी उजागर किया है…….
आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड में 26 मई 2025 को 9 वर्षीय दलित बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात हुई……. आरोपी जिसकी पहचान रोहित सहनी के रूप में हुई…… जिसने न केवल बच्ची के साथ दुष्कर्म किया……. बल्कि उसे चाकू से 20 से अधिक बार गोदकर मरणासन्न कर दिया……. बच्ची के शरीर पर चाकू के गले और पेट पर गहरे जख्म हो गए….. जिसके बाद बच्ची को तत्काल स्थानीय अस्पताल SKMCH में भर्ती कराया गया……. जहां 6 दिनों तक इलाज चला……. लेकिन स्थिति बिगड़ने पर उसे 30 मई को PMCH, पटना रेफर किया गया…….. वहां भर्ती प्रक्रिया में हुई देरी और स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही ने बच्ची की जान ले ली…….. परिजनों का आरोप है कि बच्ची को 4 घंटे तक एंबुलेंस में तड़पने के लिए छोड़ दिया गया……… और उसे एक विभाग से दूसरे विभाग में दौड़ाया गया……
जिसको लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस घटना को लेकर बिहार की नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है……. मंगलवार को अपने X पोस्ट में मायावती ने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर में दलित नाबालिग के साथ दुष्कर्म……. फिर चाकू से गोदकर निर्मम हत्या……. और पटना अस्पताल में इलाज में देरी से उसकी मौत- यह घटना राज्य की बदहाल कानून-व्यवस्था…… और चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं का जीता-जागता प्रमाण है…….. यह अति-निन्दनीय और अति-चिंतनीय है…….. मायावती ने नीतीश सरकार से सवाल किया कि आखिर बिहार कब बदलेगा……. और मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए……. साथ ही पीड़ित परिवार को हर संभव मदद और न्याय सुनिश्चित किया जाए…….
आपको बता दें कि मायावती का यह बयान न केवल बिहार सरकार की विफलताओं को उजागर करता है……… बल्कि यह भी दिखाता है कि बसपा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दलित……. और कमजोर वर्गों के मुद्दों को केंद्र में लाने की रणनीति पर काम कर रही है……. बसपा ने घोषणा की है कि वह बिहार की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी……… जिससे यह स्पष्ट है कि मायावती दलित वोट बैंक को साधने के साथ-साथ नीतीश सरकार……. और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश में हैं……..
नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं…… और नीतीश ने बार-बार “सुशासन” का दावा किया है…….. लेकिन इस घटना ने उनके इस दावे की पोल खोल दी है……. बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले से ही चरमराई हुई है…….. और इस तरह की घटनाएं इसे और स्पष्ट करती हैं…….. मुजफ्फरपुर में पहले भी 2018 में बालिका गृह यौन शोषण कांड सामने आया था…….. जहां ब्रजेश ठाकुर जैसे लोग सरकारी संरक्षण में अपराधों को अंजाम दे रहे थे…… इस बार भी रोहित सहनी जैसे अपराधी के खिलाफ समय पर कार्रवाई न होने की बात सामने आई है……… स्थानीय लोगों और विपक्ष का आरोप है कि सहनी की आपराधिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद उसे खुला छोड़ दिया गया……… जिसके कारण यह जघन्य अपराध हुआ…….
वहीं कानून-व्यवस्था की इस विफलता के साथ-साथ बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था भी इस घटना में निशाने पर है……. PMCH राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है………. जिस पर इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगा है…… बच्ची को भर्ती करने में घंटों की देरी…….. उचित आईसीयू सुविधाओं का अभाव……. और विभागों के बीच समन्वय की कमी ने उसकी जान ले ली……. यह पहली बार नहीं है जब बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में हैं……. 2019 में मुजफ्फरपुर में ही चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत ने भी स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को उजागर किया था……..
नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन में सत्तारूढ़ बीजेपी भी इस मामले में जवाबदेही से नहीं बच सकती……. केंद्र और राज्य में बीजेपी-जेडीयू की डबल इंजन सरकार का दावा है कि वह बिहार को विकास…… और सुरक्षा के नए आयाम दे रही है…… लेकिन इस घटना ने इस दावे को खोखला साबित कर दिया है……. कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावरु ने सटीक टिप्पणी करते हुए कहा कि……. बिहार में डबल इंजन सरकार का फायदा सिर्फ मंत्रियों और सत्ताधारी नेताओं को हो रहा है…… न वंचितों को, न बच्चों को……
बीजेपी के स्थानीय सांसद संजय जायसवाल ने इस घटना पर शर्मिंदगी जताते हुए कहा कि जिम्मेदारी तय होनी चाहिए……. और जिनकी लापरवाही से यह हुआ……. उन्हें सजा मिलनी चाहिए……. लेकिन यह बयान केवल खानापूर्ति करता नजर आता है…….. क्योंकि बीजेपी नेतृत्व ने इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने की बात नहीं की……. केंद्रीय नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी…… इस मामले को और गंभीर बनाती है……. वहीं यह सवाल उठता है कि जब दलित समुदाय की एक मासूम बच्ची के साथ इतना जघन्य अपराध होता है……. तो बीजेपी की सबका साथ, सबका विकास की नीति कहां चली जाती है……..
वहीं इस घटना ने बिहार में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है……. कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों ने नीतीश सरकार को घेरते हुए इसे संस्थागत हत्या करार दिया है……. कांग्रेस ने पटना में जोरदार प्रदर्शन किया…….. जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ नारेबाजी की……. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि यह घटना बिहार में कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली के ध्वस्त होने का सबूत है……. आरजेडी ने भी X पर नीतीश सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि संवेदनहीन व्यवस्था ने एक मासूम की जान ले ली…….
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए X पर लिखा कि मुजफ्फरपुर में दलित नाबालिग बेटी के साथ दरिंदगी…… और फिर इलाज में हुई लापरवाही बेहद शर्मनाक है……. यह बयान न केवल सरकार की नाकामी को उजागर करता है…… बल्कि दलित समुदाय के बीच विपक्ष की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है…….
बिहार में 2025 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह घटना…… और भी महत्वपूर्ण हो जाती है…… दलित समुदाय बिहार की आबादी का करीब 16% है…….. हमेशा से चुनावी रणनीति का केंद्र रहा है……. मायावती की बसपा इस बार सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है…….. जिसका लक्ष्य दलित और पिछड़े वर्गों के वोटों को एकजुट करना है……. मायावती का यह बयान न केवल नीतीश सरकार की आलोचना है…… बल्कि दलित वोटरों को यह संदेश भी देता है कि बसपा उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है…….
वहीं, नीतीश कुमार और बीजेपी ने हाल ही में सवर्ण आयोग और जातीय संतुलन की रणनीति अपनाकर विभिन्न जातियों को साधने की कोशिश की है……. लेकिन इस घटना ने उनके इस दावे पर पानी फेर दिया है……. अगर नीतीश सरकार और बीजेपी इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करती है……. तो यह उनके लिए चुनावी नुकसान का कारण बन सकता है……
