Continuous Glucose Monitoring: डायबिटीज नामुराद बीमारी है. यह बात हम सब जानते हैं. कई तरह के टेस्ट कराके लोग यह भी जान लेते हैं कि डायबिटीज है या नहीं. लेकिन इनमें से बहुत कम ही ऐसे लोग होंगे जो डायबिटीज टेस्ट कराने के बाद इस पर काबू करने की कोशिश कर रहे हों. दरअसल, डायबिटीज को पूरी तरह से शरीर को जकड़ने में बहुत समय लगता है. अगर इस बीच हम इसका सही से प्रबंधित कर लेंगे तो संभवतः डायबिटीज हमारे लिए जानलेवा साबित नहीं होगा. लेकिन हम ऐसा नहीं करते. हम महीना-दो महीना में कभी एक बार टेस्ट करा लेते हैं और शुगर बढ़ने पर थोड़ा परहेज कर लेते हैं और भूल जाते हैं. यही कारण है कि डायबिटीज कंट्रोल नहीं हो पाता. इसलिए आज डायबिटीज की सतत निगरानी की जरूरत है. कई ऐसी तकनीक के माध्यम से अब डायबिटीज की 24 घंटे निगरानी रखी जा सकती है.
ग्लूकोज की सतत निगरानी बेहद जरूरी
यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में डायबेट्स एंड एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट में मेटाबोलिक मेडिसीन के प्रोफेसर रामजी अज्जान बताते हैं कि जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं उनका ग्लूकोज लेवल अक्सर उपर-नीचे करता रहता है. इन कारणों से कई अन्य बीमारियों का शरीर में हमेशा खतरा बना रहता है. इससे हार्ट डिजीज, मोटापा और आंखों की समस्या सबसे ज्यादा होती है. उन्होंने कहा कि डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म करना फिलहाल नामुमकिन है. ऐसे में ग्लूकोज लेवल की हमेशा निगरानी बहुत जरूरी है. सतत ग्लूकोज निगरानी यानी सीजीएम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक सेंसर के माध्यम से 24 घंटे ग्लूकोज लेवल की जांच की जा सकती है. 24 घंटे शुगर की निगरानी करने से डायबिटीज मरीज ज्यादा चौकन्ना रहेंगे और जैसे ही ग्लूकोज लेवल बढ़ता है, वैसे ही वे दवाई खाएंगे और अन्य आवश्यक चीजों का प्रबंध करेंगे जिससे आसानी से शुगर लेवल को कंट्रोल करना संभव हो सकेगा.
सतत निगरानी से 51 प्रतिशत शुगर होगा कंट्रोल
एक अध्ययन में बताया गया है कि डायबिटीज मरीज यदि रियल टाइम शुगर मॉनिटरिंग सेंसर का इस्तेमाल करेंगे तो इससे डायबिटीज के गंभीर होने की समस्या 51 प्रतिशत तक कम हो जाएगी. इसके साथ ही डायबिटीज के कारण अस्पताल जाने में भी 28 प्रतिशत की कमी हो जाएगी. सतत निगरानी करने से लोग डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और दवा खाने पर अधिक ध्यान देंगे इससे टीआईआर कम होगा. टीआईआर का मतलब टाइम इन रेंज है यानी ब्लड शुगर को 70 से 180 के बीच रखने का लक्ष्य.
डाइट और फिजिकल एक्टिविटी जरूरी
एबॉट डायबेट्स केयर में मेडिकल अफेयर के प्रमुख डॉ. प्रशांत सुब्रमणियम कहते हैं कि सीजीएम यानी सेंसर के माध्यम से जब कोई मरीज शुगर का 24 घंटे निगरानी करता है तो इससे कई फायदे होते हैं. सबसे पहले तो इसमें एक चिप बांह में लगा दिया जाता है जो सीधा मोबाइल फोन से जुड़ा होता है. ब्लड शुगर रियल टाइम में कितना बढ़ा या घटा हर वक्त मोबाइल में इसे देखा जा सकता है. इसणें डायबिटीज टेस्ट की तरह सूई चुभाने की जरूरत भी नहीं होती. आप अपने डॉक्टर के मोबाइल में भी इस रियल टाइम जानकारी को शेयर कर सकते हैं. इस डिवाइस के कारण आप अपने शुगर के लेवल को एक सीमा से आगे नहीं बढ़ने देने के लिए प्रतिबद्ध भी हो सकते हैं. इसलिए यह बेशक छोटी सी बात लगे लेकिन यह डायबिटीज मरीजों के जीवन को पूरी तरह बदल सकती है. उन्होंने कहा कि जब आपके पास रियल टाइम में डाटा उपलब्ध होगा तो आपको चिंता होगी और आप डायबिटीज को अच्छे से कंट्रोल कर सकते हैं. डॉ. सुब्रमणियम ने बताया कि हम सब जानते हैं कि डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल है. इसे हेल्दी डाइट, दवा और फिजिकल एक्टिविटी के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है. हमारे पास जब रियल टाइम डाटा होगा तो हम इन चीजों को आसानी से कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 13:26 IST