November 22, 2024 3:38 am

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छत्तीसगढ़ के कटघोरा वन मण्डल में फिर से गूंज रहा घोटाला-गुडवत्ता विहीन स्टॉप डेम का निर्माण कर लाखो रुपयों की वित्तीय अनियमितता को दिया जा रहा अंजाम

कोरबा/कटघोरा/रायपुर

अब्दुल सलाम क़ादरी-एडिटर इन चीफ

  •  3.50 मीटर की नींव को 2 फ़ीट में निपटा रहे?
  • कटघोरा वन मंडल के घोटालों की फाइल बन्द? अब तो सरकार भाजपा की,क्यों चुप हैं भाजपाई?

कोरबा। कटघोरा वनमंडल में फिर से स्टाप डेम की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल और धन की बंदरबांट शुरू हो गया है।

पहले तत्कालीन डीएफओ शमा फारुखी, प्रभारी डिएफओ यादव मैडम और अब एसडीओ संजय त्रिपाठी द्वारा खेल खेला जा रहा हैं। सरकार किसी की भी रहे आजतक सजंय त्रिपाठी का कोई बाल तक बांका नही कर सका है और यह इनका चैलेंज भी है?

हम बात कर रहे है कटघोरा वन मण्डल अंतर्गत आने वाले वन परीक्षेत्रो में स्टॉप डेम निर्माण के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने की बात दिखाई दे रही है और इन सभी में एसडीओ की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

मैदानी स्तर पर वे निर्माण कार्यों को लेकर काफी गहरी भूमिका निभा रहे हैं। महकमे में चर्चा है कि वे पर्दे के पीछे स्वयं ठेकेदार की तरह काम कर रहे हैं और उनके अधीनस्थ रेंजर उनके राजदार बने हुए हैं।

वर्तमान में कटघोरा वनमंडल अंतर्गत ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर का निर्माण द्रुत गति से चल रहा है। कॉरिडोर बनने से वन एवं जल संपदा को भारी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई के लिए ज्यादा प्रभावित रेंज जटगा एवं पसान में 20 से अधिक छोटे-छोटे नालों में स्टॉप डेम की स्वीकृति कैम्पा मद से हुई है।

12 करोड़ से अधिक की राशि से बनने वाले ये स्टॉप डेम इन अधिकारियों के जेब भरने का साधन बन गए हैं?

मुख्यमंत्री और वन मन्त्री चिर निंद्रा में क्यो है?

कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज अंतर्गत गोलवा नाला, कलेवा नाला, साढ़ामार डेम, चचई नाला, मैनगढ़ी नाला, जटगा रेंज के थानडबरा, कहुआ नाला, बजरंग नाला और ग्राम मुड़मिसनी तथा तिरकुट्टी पहाड़ के ऊपर स्टापडेम का काम चल रहा है।

सभी स्टॉप डेम का निर्माण गुणवत्ताहीन और नियम-शर्तों को ताक पर रखकर कराया जा रहा है।

जटगा रेंज में सारा कार्य एसडीओ त्रिपाठी की देखरेख में रेंजर अशोक मन्नेवार द्वारा कराया गया है।

रेंजर ने बताया कि नींव 2 फीट अंदर तक खोदी गई है और फाउंडेशन तैयार किया गया है, ज्यादा जानकारी के लिए ठेकेदार से-मिलो।

वन विभाग के एक ठेकेदार ने स्टीमेट के आधार पर बताया कि स्टॉप डेम में 70 प्रतिशत राशि फाउंडेशन के नीचे ही खर्च होता है।

जमीन से साढ़े 3 मीटर नीचे नीव खोदी जाती है और स्टॉप डेम बनने के बाद नींव को फिर से नहीं खोदा जाता।

अभी जटगा और पसान रेंज में मात्र 2 से ढाई फीट नींव खोदकर स्टाप डेम बनाया जा रहा है?

मामला उजागर होने पर फिर से नींव खोदने की बात कही जा रही हैं जो गलत है। नींव खोदते समय चट्टानों के आ जाने से उसके ऊपर ही नींव का फाउंडेशन के काम कर दिया गया हैं।

मरवाही के बाद कटघोरा में बंदरबांट
मरवाही वन मण्डल के प्रभारी डीएफओ रहते मनरेगा का 5 करोड़ बंदरबाट कर मामले में करीब 16 अधिकारियों को सस्पेंड कराने वाले एसडीओ संजय त्रिपाठी के खिलाफ जांच लंबित है। लेकिन कार्य करीब 43 करोड़ के हुए थे?

श्री सजंय त्रिपाठी वर्तमान में कटघोरा वनमण्डल में पदस्थ हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि यहां आने के बाद से निर्माण कार्यों का पूरा दारोमदार अपने हाथ में ले लिया गया है और रेंजर उनके राजदार बने हैं।

कटघोरा में 2019 में कई स्टॉप डेम प्रारंभ किए गए और कई का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया। कई ठेकेदारों ने हाथ खींच लिए कि जितना काम पूरा हो गया, उसका भुगतान नहीं हुआ लेकिन कुछ ठेकेदारों ने राशि आहरण कर ली है और मजदूरों को भुगतान की बजाय खुद ही जेब भर लिए हैं। कई ठेकेदारों का भुगतान इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि काम कराने वाले और वर्क आर्डर देने वाले कई रेंजर स्थानांतरित हो गए या रिटायर हो गए।

डब्ल्यूबीएम के ऊपर सीसी रोड बना रहे
इसी तरह कसनिया डिपो में जहां कि मात्र लकड़ी लाने और ले जाने का काम होता है, वहां करीब 2 साल पहले 15-15 लाख की लागत से दो तरफ डब्ल्यूबीएम सडक़ का निर्माण कराया गया था। इसके बाद इस साल यहां 90 लाख की लागत से डब्ल्यूबीएम सडक़ क्रमांक-(1) 1400 मीटर लंबा मार्ग में सीसी रोड का निर्माण कराया जा रहा है। यह आश्चर्यजनक है कि डब्ल्यूबीएम सडक़ के ऊपर सीसी रोड का निर्माण बिना आवश्यकता के कराया जा रहा है। जानकारों की मानें तो यहां काष्ठागार में लकड़ी लाने और ले जाने का भी काम होता है, जिसके लिए डब्ल्यूबीएम सडक़ ही पर्याप्त है लेकिन सरकारी धन का दुरूपयोग किसी न किसी निर्माण कार्य के माध्यम से किया जाकर बंदरबांट के लिए इस तरह का खेल खेला जा रहा है।

अपनी सरकार में ही भाजपाई खामोश

कांग्रेस की सरकार में कटघोरा क्षेत्र के भाजपाई कटघोरा वनमंडल में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर काफी मुखर रहे और शिकवा-शिकायतों का भी सिलसिला चला। तात्कालीन डीएफओ शमा फारूखी ने जो स्टाप डेम से लेकर कैम्पा और विभिन्न मदों में भ्रष्टाचार किया, ठेकेदारों और सप्लायरों के पैसे कमीशन के लिए रोके गए, वे आज भी हलाकान हैं। उसी राह पर कुछ कहानी अब चल रही है लेकिन भाजपाई खामोश हैं ? जबकि अब उनकी ही सरकार है।

इसी तरह पुटुवा स्टापडेम का मामला कांग्रेस सरकार ने सदन में विपक्ष के विधायक धरमलाल कौशिक ने खूब जोर से उठाया लेकिन इसके बाद मामला ठण्डा पड़ गया। कटघोरा वनमंडल द्वारा स्टाप डेम की विधानसभा को दी गई जानकारी में आंकड़े छुपाए गए थे।

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लेकिन सवाल यह आता है कि आखिर कब तक यह घोटाले होते रहेंगे।
अपने चहेतों के खातों में मजदूरी का पैसा डालकर आहरण कर लेना फिर यदि कोई आरटीआई में जानकारी मांगता है तो धारा 8, और 11 का हवाला देकर जानकारी देने से बचने का कार्य भी कटघोरा वन मण्डल में जमकर हो रहा है? मजदूरी के नाम पर करोणों का घोटाला भी हो रहा है?और सरकार चुप है?

हमने इस सम्बंध में डिएफओ श्री कुमार निशांत जी से बात करने की कोशिश की गई परन्तु उनका फोन रिसीव नही हुआ?

Khabar 30 Din
Author: Khabar 30 Din

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