भारत मंदिरों और आस्था का देश है। यहां मंदिरों से लोगों की आस्था जुड़ी होती है। यहां कई मंदिर तो ऐसे हैं जो चमत्कारी हैं। यहां भक्तों को अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। कई चमत्कार तो ऐसे हैं, जिनके आगे विज्ञान भी फेल हो जाते हैं।
जैसे हरिद्वार में मां गंगा अपने पवनपुत्र हनुमान को नहलाने खुद आती है तो रामेश्वरम में समुद्र खुद भगवान शिव का अभिषेक करने आता है। ऐसा ही एक चमत्कारीक मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर में भी है। यह मंदिर मां धारी का है। मां धारी को पहाड़ों और तीर्थयात्रियों की रक्षक देवी माना जाता है।
उत्तराखंड के श्रीनगर से 14 किलोमीटर की दूर मां धारी का मंदिर स्थित है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां भक्तों को हर दिन चमत्कार देखने को मिलता है। यहां मां धारी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। मां की मूर्ति सुबह एक कन्या की तरह दिखती है तो दोपहर को युवती में बदल जाती है वहीं शाम होते ही एक बूढ़ी महिला के रूप में बदल जाती है। भक्त भी मां के इस चमत्कार को देखकर हैरान रह जाते हैं। यह नजारा वाकई हैरान कर देने वाला होता है।
मां धारी के मंदिर के बारे में एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार बाढ़ में माता का मंदिर बह गया था। मंदिर के साथ माता की मूर्ति भी बह गई थी। माता की मूर्ति बहकर आगे धारो गांव के पास एक चट्टान के पास रुक गई। कहते हैं कि उस मूर्ति से एक ईश्वरीय आवाज निकली, जिसने गांव वालों को उस जगह पर मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके बाद गांव वालों ने मां का आदेश मानकर वहां माता का मंदिर बना दिया।
वहीं एक और कथा मां के बारे में प्रचलित है। माना जाता है कि वर्ष 2013 में माता के इस मंदिर को तोड़ दिया गया था और मां की मूर्ति को मूल स्थान से हटा दिया गया था। लोगों का मानना है कि इस वजह से उस साल उत्तराखंड में भयानक बाढ़ आ गई थी। उस बाढ़ में हजारों लोग मारे गए थे। माना जाता है कि धारा देवी की प्रतिमा को 16 जून, 2013 की शाम को हटाया गया था और उसके कुछ ही घंटों बाद राज्य में आपदा आई थी। इसके बाद में उसी जगह पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया।