उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ( UPPSC) द्वारा आयोजित UPPCS-J 2022 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूछा, आयोग ने जिन 2 अभ्यर्थियों को बाहर कर दो नए अभ्यर्थियों को चयनित करने की सिफारिश की है, उस पर सरकार ने क्या निर्णय लिया है? कोर्ट ने राज्य सरकार जवाब दाखिल करने को कहा है।
अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने FIR दर्ज कर CBI जांच कराने की मांग की है। कोर्ट ने संशोधन अर्जी पर जवाब देने को कहा है। इस पर सरकार से भी जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने कहा, सुनवाई तक परीक्षा से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं। न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को रखी है।
50 उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी स्वीकारी थी
दरअसल, श्रवण पांडे ने RTI लगाकर अपनी उत्तर पुस्तिका मांगी थी। इसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। श्रवण के वकील एसएफए नकवी ने कहा, यह बड़ा घोटाला है। उन्होने आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कहा, आयोग ने पहले 50 उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी की बात स्वीकारी थी, लेकिन यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दो अभ्यर्थी हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। जबकि दो के चयन की संस्तुति स्वयं आयोग ने की है।
लगातार स्टैंड बदल रहा आयोग
याचिका में बताया गया कि आयोग लगातार स्टैंड बदल रहा है। पहले उसने 7 लोगों के परिणाम कैंसिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन 6 की सूची जारी की और अंत में सिर्फ 2 अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई।
30 सितंबर को जवाब दाखिल करेगी सरकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को श्रवण पांडे के अलावा दो अन्य अभ्यार्थियों की याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने दो अभ्यर्थियों के चयन में शामिल करने की संस्तुति पर सवाल उठाए। कहा, आयोग को यह शक्ति कहां से मिली? इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। शुक्रवार को आयोग ने हलफनामा दाखिल किया है। जबकि, राज्य सरकार ने समय मांगा है। कोर्ट ने 30 सितंबर को जवाब दाखिल करने को कहा है।
यह है मामला
- UP PCS-J की मेंस परीक्षा 3019 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें श्रवण पांडे हाईकोर्ट में याचिका कर कहा, उत्तर पुस्तिका में उनकी हैंड राइटिंग नहीं है। हाईकोर्ट ने इस पर आयोग से जवाब मांगा था, लेकिन इस बीच जांच में पता चला कि 25-25 उत्तर पुस्तिका के दो बंडल बदले गए हैं।
- यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया है। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा, बंडल में गलत कोडिंग हो गई थी। दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।